अलवर.जिले में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए वैसे तो कई टूरिस्ट पैलेस हैं, लेकिन जल्द ही पर्यटक अब अलवर में एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे. अलवर जिले में बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों का लुत्फ उठाने के लिए टाइगर रिजर्व है, नौकायन व झील का अदभुत नजारा देखने के लिए सिलीसेढ़ झील हैं. धार्मिक स्थलों में महाभारत काल का ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर, भर्तृहरि की तपो स्थली भर्तृहरिधाम, प्राचनी नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अनेक पर्यटक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की कमी खल रही थी. जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगामी 6 माह में पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की सौगात मिलने की उम्मीद है. इसके लिए जल्द ही नगर विकास न्यास की ओर से ईओआई जारी की जाएगी. यूआईटी की इस योजना से पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों का आनंद मिलेगा. साथ ही न्यास का भी खजाना भर सकेगा. इतना ही नहीं, सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा.
अलवर नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर गतिविधियों के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने के लिए जिला कलेक्टर व नगर विकास न्याय के सचिव ने सिलीसेढ़ झील पर मौका देखकर नए सिरे से जगह चिह्नित की है. इसके अंतर्गत यहां 100 मीटर लंबी जिपलाइन तैयार की जाएगी, 25 मीटर लंबाई में स्काई साइकलिंग व साइकलिंग मल्टीप्ले एडवेंचर गतिविधि, लॉन्ग टू लॉन्ग, हैंगिंग टनल, स्विमिंग टायर्स, क्लाइंब हाल टू हाल, स्विमिंग एक्स, जिग जग प्लैक्स, नेट क्रॉस, वायर ब्रिज, हैंगिंग बोर्ड, क्लाइंब हैंगिंग टायर्स आदि एडवेंचर गतिविधि शुरू करने के लिए इओआई जारी की जाएगी.
एक्सईएन कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि इसके लिए इओआई ऑनलाइन जारी की जाएगी. एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से अलवर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. एडवेंचर गतिविधि शुरू करने का प्रोजेक्ट यूआईटी की ओर से किसी भी पर्यटन स्थल पर शुरू किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट है.