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UP में कवियों-कलाकारों को मिलेगी पेंशन; पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह का बड़ा ऐलान, तैयार हो रही गाइडलाइन - Pension to poets and artists in UP

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग सांस्कृतिक धरोहरों को कविता, साहित्य और कला के माध्यम से आगे बढ़ाने वाले कलाकारों-कवियों के लिए पेंशन योजना शुरू करने जा रहा है.

यूपी सरकार कवियों कलाकारों के देगी पेंशन.
यूपी सरकार कवियों कलाकारों के देगी पेंशन. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 6:51 PM IST

Updated : Sep 6, 2024, 7:19 PM IST

मंत्री जयवीर सिंह ने कवियों कलाकारों को पेंशन देने की घोषणा की है. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊःउत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग सांस्कृतिक धरोहरों को कविता, साहित्य और कला के माध्यम से आगे बढ़ाने वाले कलाकारों-कवियों के लिए पेंशन योजना शुरू करने जा रहा है. इसमें 60 साल की उम्र पार कर चुके कवियों, कलाकारों और साहित्यकारों को सरकार की तरफ से पेंशन दी जाएगी. इसके लिए विभाग जल्द ही एक गाइडलाइन तैयार कर रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सरकार कम से कम ₹2000 पेंशन देने का विचार कर रही है. बाकी गाइडलाइन तैयार होने के बाद इस पर स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश दिए जाएंगे. मंत्री शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में संस्कृति विभाग और हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा महाकुंभ प्रयागराज के अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय 'कवि कुंभ' कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज व सरकार को दिशा दिखाने का काम करते हैं. सरकार के कार्यों को कसौटी पर परखते हैं. वे शब्दों के माध्यम से समाज की भावनाओं, चिंताओं और आशाओं को अभिव्यक्ति देते हैं. मंच पर बैठे देश के प्रख्यात कवि हरिओम पवार के सामने उन्होंने कवियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की बात कही. कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग देश की और प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को कविता, साहित्य और कला के माध्यम से आगे बढ़ाने वाले कलाकारों-कवियों के लिए एक पेंशन योजना की शुरुआत करने जा रहा है.

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ- 2025 के प्रारंभ होने में कुछ माह शेष हैं. इसमें देश-विदेश से आए हुए धार्मिक पर्यटकों, श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव देने में कवि-साहित्यकारों की महती भूमिका रहेगी. इससे महाकुंभ- 2025 की भव्यता व दिव्यता और बढ़ जाएगी. कहा कि वर्ष 2019 में आयोजित कुंभ में देश-दुनिया से लगभग 25 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था. महाकुंभ- 2025 में लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है.

इस दौरान कवि डॉ. हरिओम पवार ने कहा कि, सरकार की ओर कवि कुंभ जैसा बड़ा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग साढ़े चार सौ कवि हिस्सा ले रहे हैं. अब इससे बड़ी लकीर केवल केंद्र सरकार खींच सकती है, राज्य सरकार नहीं. संस्कृति विभाग जितना सक्रिय अब दिख रही है, उतनी किसी सरकार में नही दिखी. कहा कि आप सब सांस्कृतिक राजदूत है, हर काम सरकार नहीं कर सकती, आपको जागरूक होना होगा, एक भी कवि इस कुम्भ से बिना कविता पाठ के नहीं जाना चाहिए. स्थापित कवियों को मत सुनिए, नए कवियों को ज़रूर मौका दिया जाना चाहिये. कहा कि कविताएं कांग्रेस-भाजपा नहीं, संस्कृति होती हैं, वेदना होती हैं. इसके लिए अलावा हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सौरभ जैन, डॉ. अनामिका जैन अंबर ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने डॉ. हरिओम पंवार, सौरभ जैन, अनामिका जैन, सर्वेश अस्थाना सहित बड़ी संख्या में कवियों को सम्मानित किया.

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Last Updated : Sep 6, 2024, 7:19 PM IST

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