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लखनऊ में बाघ का आतंकः दिन में आराम, रात में गांवों में चहलकदमी कर रहा बाघ - TIGER TERROR IN KAKORI REHMAN KHEDA

काकोरी के रहमान खेड़ा के 40 बीघे में फैले घने जंगल में बाघ का डेरा. अभी तक तलाश नहीं सकी है वन विभाग की टीम.

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लखनऊ रहमान खेड़ा के घने जंगल और आसपास गांव में घूम रहा बाघ (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2025, 10:32 AM IST

लखनऊ : राजधानी के काकोरी के रहमान खेड़ा के 40 बीघे में फैले घने जंगल और 15 किलोमीटर के दायरे में फैले संस्थान समेत आसपास के गांव में बाघ के चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है. बुधवार सुबह संस्थान के अंदर जंगल में ही बाघ के पगचिह्न पाए गए हैं. बाघ दिन में जंगल की घनी झाड़ियों में आराम करता है रात होते ही वह जंगल से सटे गॉवों में चहलक़दमी कर रहा है. ऐसी स्थिति को देखते हुए जंगल से आबादी की ओर आने वाले हर रास्ते पर कॉम्बिंग टीम की तैनाती की गई है.

दहशत का पर्याय बन चुके बाघ के जंगल में आने जाने वाले मार्गों को चिह्नित कर लिया गया है. रात के समय बाघ रहमान खेड़ा जंगल में लगी लोहे की जाली के नीचे से निकलकर बेहता नाला के किनारे होते हुए, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निकल जाता है, और फिर वापस आकर दिन में जंगल की घनी झाड़ियों में आराम करता है. दिन में ज्यादातर बाघ की गतिविधियां जंगल के अंदर और जंगल से सटे मीठे नगर के जंगल में पाई जा रही हैं. बुधवार सुबह संस्थान के अंदर नाले की ओर बाघ के पगचिह्न पाए गए हैं. वन विभाग ने मीठेनगर गाँव की पुलिया के पास बाघ, वन्य जीव रेस्क्यू अभियान के तहत एक ट्रैपिंग केज एवं 02 कैमरा ट्रैप लगाये गये हैं.

जंगल में ही मिले पैरों के निशान : डीएफओ ने बताया कि बुधवार सुबह संस्थान के अंदर बाघ के पगचिह्न पाए गए हैं. नाले के किनारे से होते हुए रेलवे लाइन क्रॉस करके जंगल में चला गया. इसके अतिरिक्त टीम द्वारा आस-पास के प्रभावित ग्रामों में जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तथा लोगों को अपने क्षेत्र में बाघ की गतिविधियों की जानकारी देने एवं संरक्षण प्रयासों में सहयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया रहमानखेड़ा संस्थान में बाघ, वन्य जीव के ताजे पैरों के निशान पाये गये. टीम द्वारा समस्त कैमरा ट्रैप का अवलोकन किया गया. एवं मीठेनगर गाँव की पुलिया के पास बाघ, वन्य जीव रेस्क्यू अभियान के तहत एक ट्रैपिंग केज एवं 02 कैमरा ट्रैप लगाये गये हैं, जिससे बाघ, वन्य जीव की गतिविधियों पर निगरानी की जा सके. इसके साथ ही टीम द्वारा पेट्रोलिंग एवं काम्बिग की कार्रवाई की जा रही है, जिससे वन्य जीव के संभावित आवासों की पहचान की जा सके. डॉक्टरों की टीम द्वारा सघन पेट्रोलिंग की कार्रवाई की जा रही है.

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