वन्यजीवों को रास आ रहा डकैतों का एरिया. (ETV Bharat Dholpur) धौलपुर.जिला भले ही औद्योगिक दृष्टि से प्रदेश और देश में पिछड़ा हुआ हो, लेकिन भौगोलिक और वन्यजीवों की दृष्टि से जिले के लिए खुशी की खबर सामने आई है. चंबल किनारे का डांग क्षेत्र जो कभी डकैतों और बदमाशों की शरण स्थली जाना जाता था. अब डांग क्षेत्र और चंबल के बीहड़ टाइगर को रास आ गया है. ऐसे में टाइगर कॉरिडोर बनने से पहले ही टाइगरों ने आकर धौलपुर जिले के डांग में डेरा डाल लिया है. मादा टाइगर से पिछले वर्ष जो तीन शावक पैदा हुए थे, वह पूरी तरह स्वस्थ देखे गए हैं. तीनों शावकों की उम्र करीब 13 महीने बताई जा रही है. इसके अलावा जंगल में वन्यजीवों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. यह सारे आंकड़े वन्यजीव गणना 2024 में सामने आए हैं.
धौलपुर एनसीएस के एसीएफ नाहर सिंह ने बताया कि मई के महीने में धौलपुर की 5 सेंचुरी क्षेत्र में वन्यजीवों की गणना के लिए 25 टीमों को तैनात किया गया था. गणना के अनुसार धौलपुर वन क्षेत्र में टाइगरों का मूवमेंट लगातार बना हुआ है. वहीं अन्य वन्यजीवों की गतिविधियां भी जंगल में बढ़ी हैं. धौलपुर टाइगर कॉरिडोर की स्वीकृति के साथ तमाम कागजी खानापूर्ति पूरी हो चुकी है. अब केवल वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है. कॉरिडोर का कोर एरिया 600 वर्ग किलोमीटर का है और बफर एरिया के लिए कवायद शुरू कर दी हैं.
पढ़ें:सरिस्का को बाघ, पैंथर ही नहीं सांभर ने भी दिलाई खास पहचान, अलवर का नामकरण भी इसी से हुआ - Sambar deer in Sariska
सिंह ने बताया कि वन्यजीव गणना में पांच सेंचुरी क्षेत्र में 9 लेपर्ड, 490 सियार, 48 जरख, 15 जंगली बिल्ली, 33 लोमड़ी, 13 भेड़िया, 12 भालू, 1 छोटा बिज्जू, 2 बड़े बिज्जू और 3 कवर बिज्जू के साथ चीतल हिरण 16, सांभर हिरण 4, नीलगाय 574, जंगली सूअर 488, सेही 20 के साथ राष्ट्रीय पक्षी मोर 530 और सरीसृप में घड़ियाल 32, मगरमच्छ 64 दिखाई दिए हैं. जिले में वर्तमान में तीन शावकों के साथ एक नर और मादा टाइगर के साथ एक और मादा टाइगर की मूवमेंट बनी हुई है. कुल मिलाकर 6 टाइगर क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिनमें तीन बच्चे हैं.
पढ़ें:भीषण गर्मी में राजस्थान के लिए बड़ी खुशखबरी, राज्यपक्षी गोडावण की संख्या में इजाफा के संकेत - Wildlife Census
परिवारों को किया जाएगा विस्थापित:सेंचुरी एरिया की कवायद का काम शुरू हो गया है. डांग क्षेत्र में बसे परिवारों को मुआवजा राशि एवं जमीन देखकर अन्य स्थानों पर विस्थापित किया जाएगा. उपवन संरक्षक सिंह ने बताया कि 21 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. परिवार की मुखिया पति और पत्नी के साथ अगर परिवार में इनके बच्चे 21 साल या इससे अधिक उम्र के हैं, तो प्रत्येक को मुआवजा राशि 15-15 लाख रुपए दिए जाएंगे. अगर यह लोग मुआवजा ना लेकर जमीन का ऑप्शन चुनते हैं, तो इतनी तादाद में जमीन भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं हैं. इस कारण विस्थापित परिवारों को मुआवजा ही दिया जाएगा.