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चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट का चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश पर रोक

RAJASTHAN HIGH COURT
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान मेडिकल काउंसिल के गत 6 नवंबर के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत आरएमसी ने सरकारी सेवा में कार्यरत याचिकाकर्ता चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव और आरएमसी के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. एसए इकबाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने मार्च, 2013 में फॉरेन मेडिकल परीक्षा भी पास की थी. वहीं, बाद में उसने एमसीआई और आरएमसी से अपना पंजीकरण कराया था. याचिका में बताया गया कि आरपीएससी की ओर से चयनित होने के बाद वह कई सालों से चिकित्सक के रूप में काम कर रहा है. याचिका में कहा गया कि गत 6 नवंबर को राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया.

इसे भी पढ़ें - भर्तियों के मुद्दों के निस्तारण के लिए क्यों न अलग से बने शिकायत निवारण प्रकोष्ठ-हाईकोर्ट

इस दौरान न तो उसे नोटिस दिया गया और न ही उसे सुनवाई का मौका मिला. ऐसे में आरएमसी के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान मेडिकल काउंसिल के गत 6 नवंबर के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत आरएमसी ने सरकारी सेवा में कार्यरत याचिकाकर्ता चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव और आरएमसी के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. एसए इकबाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने मार्च, 2013 में फॉरेन मेडिकल परीक्षा भी पास की थी. वहीं, बाद में उसने एमसीआई और आरएमसी से अपना पंजीकरण कराया था. याचिका में बताया गया कि आरपीएससी की ओर से चयनित होने के बाद वह कई सालों से चिकित्सक के रूप में काम कर रहा है. याचिका में कहा गया कि गत 6 नवंबर को राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया.

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इस दौरान न तो उसे नोटिस दिया गया और न ही उसे सुनवाई का मौका मिला. ऐसे में आरएमसी के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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