नर्मदापुरम: बांधवगढ़ से लाए गए टाइगर को मंगलवार को नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना रेंज में छोड़ा गया. नए ठिकाने में पहुंचते ही बाघ ने लंबी छलांग लगाई. 3 साल के बाघ को फिलहाल बाड़े में रखकर उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी और बाद में जंगल में छोड़ा जाएगा. एसटीआर के मुताबिक बांधवगढ़ में इस बाघ की मां को नौरादेही शिफ्ट किया गया था. बाघ को बांधवगढ़ में करीब 8 से 10 माह तक इनक्लोजर में रखकर इसकी निगरानी की गई. इसके बाद इसे एसटीआर के खुले जंगल के बाड़े में छोड़ दिया गया.
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 50 बायसन जाएंगे बांधवगढ़, इनकी शिफ्टिंग बड़ा चैलेंज क्यों
- भालुओं के सामने भीगी बिल्ली बने जंगल के राजा, बियर की अकड़ देख रोमांचित हुए पर्यटक
दरअसल बेहतर जैव विविधता एवं खुले घास के मैदाने के चलते बाघों एवं अन्य वन्यजीवों के लिए अनुकूल है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा समय-समय पर बेहतर कार्य किये जा रहे हैं. एसटीआर के बेहतर प्रबंधन के कारण वन्यजीवों की संख्या यहां पर बढ़ी है. इसी के चलते यहां बायसन, बाघ, चीतल, नीलगाय, भालू सहित अन्य वन्य जीव भी पर्यटकों को लुभा रहे हैं.