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दिल्ली के रिज एरिया में 1100 पेड़ काटने के मामले में तीन सदस्यीय कमेटी तलाशेगी सच - cutting of trees in Delhi

रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में डीडीए द्वारा अवैध रूप से पेड़ काटने के मामले में दिल्ली सरकार ने मंत्रियों की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. कमेटी में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन शामिल हैं.

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तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 29, 2024, 7:58 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में डीडीए द्वारा अवैध रूप से 1100 पेड़ काटने पर सरकार ने सख्त रूख अपनाया है. इस संबंध में शनिवार को सरकार के सभी मंत्रियों की बैठक हुई. तबीयत खराब होने की वजह से कैबिनेट मंत्री आतिशी ने ऑनलाइन हिस्सा लिया. बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इन पेड़ों को काटने का आदेश किसने दिया, इसकी सच्चाई का पता करने के लिए मंत्रियों की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. कमेटी में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन शामिल हैं.

बिना अनुमति के काटे गए पेड़ों के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. कोर्ट यह जानना चाहता है कि किसके आदेश पर ये पेड़ काटे गए. यह कमेटी इसकी सच्चाई पता कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसे हम कोर्ट के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा कि डीडीए के कुछ इंजीनियर्स के ईमेल से पता चला है कि एलजी ने रिज क्षेत्र का दौरा किया था और उनके मौखिक आदेश पर पेड़ काटे गए. इस बारे में हमने वन विभाग को कई बार नोटिस देकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी तक नहीं मिली है.

दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा

गोपाल राय ने बताया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के लोगों को प्रदूषण और हीट वेव जैसे प्रकृतिक प्रकोप से बचाने के लिए काफी गंभीर है. इसके लिए दिल्ली में ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को 10 गारंटियां दी थीं. इसमें से एक गारंटी यह थी कि दिल्ली में 5 साल के अंदर 2 करोड़ पौधे लगाकर हरित क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा. हमें इस बात की खुशी है कि सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर हमने 4 साल में ही 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया. इस साल हीट वेव के बाद लोगों की चिंता बढ़ी है. इसे देखते हुए सरकार सभी एजेंसियों के साथ मिलकर अगले वित्तीय वर्ष में 64 लाख पौधे लगाने का निर्णय लिया है.

अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के छतरपुर, सतबड़ी से चौंकाने वाली घटना सामने आई है कि फरवरी के महीने में डीडीए ने सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए किसी एजेंसी या सरकारी से अनुमति के बिना 1100 पेड़ काट दिए. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है. डीडीए के उपाध्यक्ष से कोर्ट बार-बार यही पूछ रहा है कि राजधानी दिल्ली में किसके आदेश पर 1100 पेड़ अवैध तरीके से काट दिए गए. कोर्ट पूछ रहा है कि क्या यह आदेश एलजी ने दिए थे, क्योंकि डीडीए के कुछ इंजीनियर्स के कम्यूनिकेशन से पता चलता है कि एलजी ने छतरपुर के फॉरेस्ट रिजर्व क्षेत्र का दौरा किया था और उनके मौखिक आदेश पर यह पेड़ काटे गए. सुप्रीम कोर्ट इसकी सच्चाई जानना चाहता है. कोर्ट ने डीडीए के उपाध्यक्ष को अलगी सुनवाई तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. साथ ही, 26 जून की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.

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अवैध तरीके से पेड़ काटने के संबंध में नोटिस

गोपाल राय ने कहा कि सारी जानकारी मिलने के बाद 26 जून को शाम 4ः30 बजे दिल्ली सचिवालय में वन विभाग के उच्च अधिकारी के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने बताया कि वन विभाग ने डीडीए को दिल्ली के दो अलग-अलग इलाकों में अवैध तरीके से पेड़ काटने के संबंध में 5 और 22 मार्च को दो नोटिस भेजे, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने उन्हें 27 जून को 11 बजे तक फरवरी से अब तक घटी सभी घटनाओं की लिखित रिपोर्ट जमा कराने के निर्देश दिया. लेकिन जब 11 बजे तक हमारे पास रिपोर्ट नहीं आई तब हमारे कार्यालय ने वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया. जिसपर उन्होंने कहा कि आप पहले हमें लिखित में निर्देश दें उसके बाद हम सारी रिपोर्ट जमा कराएंगे. इसके बाद हमने मीटिंग के मिनट्स के साथ वन विभाग को लिखित निर्देश दिया कि वह 28 जून को 11 बजे तक हमें सारे फैक्ट्स की रिपोर्ट भेजें. लेकिन 28 जून को भी हमारे पास कोई रिपोर्ट नहीं आई.

गोपाल राय ने बताया कि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह छुट्टी पर चले गए हैं. जिसके बाद हमने 28 जून को फिर अगला नोटिस भेजा, चूंकि यह बहुत गंभीर मामला है. दिल्ली के लोग संकट से जूझ रहे हैं. इसके लिए हम दिल्ली में एक-एक पेड़ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरह देश की राजधानी में बिना अनुमति के 1100 पेड़ काट दिए गए. यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लेकिन रिमाइंडर नोटिस भेजने के बाद भी वन विभाग ने अपनी रिपोर्ट नहीं जमा की.

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