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लखनऊ में बंद हुए फेमस कोचिंग के तीन सेंटर, करीब 700 अभ्यर्थी कर रहे थे इंजीनियरिंग की तैयारी - FIITJEE COACHING CLOSED IN LUCKNOW

कटौता झील, आशियाना और अलीगंज में संचालित थे तीनों सेंटर.

लखनऊ में फेमस कोचिंग
लखनऊ में फेमस कोचिंग (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 3:36 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 4:58 PM IST

लखनऊ :देश की अग्रणी कोचिंग संस्थानों में शामिल फिटजी कोचिंग सेंटर अचानक से देश के कई जिलों में रातों-रात बंद कर दिये गये. राजधानी लखनऊ में फिटजी कोचिंग के तीन सेंटर कटौता झील, आशियाना और अलीगंज में संचालित थे. तीनों ही सेंटर्स को 4 से 6 जनवरी के बीच बंद करके कोचिंग के कर्मचारी और शिक्षक चले गए. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्तीय संकट से जूझ रहे इस इंस्टीट्यूट ने अचानक से देश भर में संचालित अपने सभी केंद्र को बंद कर दिया है.



दीपावली के बाद से ही बंद कर दिया था प्रवेश लेना :कटौता झील कोचिंग सेंटर पर मौजूद गार्ड ने बताया कि फिटजी प्रशासन ने दीपावली बाद से ही नए सत्र में प्रवेश लेना बंद कर दिया था. साथ ही इस केंद्र में काम कर रहे 72 शिक्षक को और 50 से अधिक कर्मचारियों को दीपावली के बाद से ही सैलरी का भुगतान नहीं किया गया था, जिसको लेकर कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच में लगातार खींचतान चल रही थी. गार्ड ने बताया कि बीती 6 जनवरी को कटौता झील ब्रांच को बंद कर दिया गया था, वहीं आशियाना और अलीगंज सेंटर को 4 जनवरी को बंद करने का नोटिस लगा दिया गया था, वहीं गुरुवार की रात को कठौता झील सेंटर की बिजली भी आधिकारिक तौर पर बिल्डिंग के मालिक ने कटवा दी.

तीन सेंटर से करीब 18 करोड़ फीस लेता था फिटजी :जानकारी के अनुसार, फिटजी के लखनऊ के तीनों सेंटर्स में करीब 700 छात्र इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे, जिसमें कक्षा 9 से लेकर 12 तक पढ़ने वाले छात्र शामिल थे. औसतन संस्थान एक छात्रा से साल भर की ढाई लाख रुपये फीस वसूल करता था, जिसे वह साल के शुरुआत में एक मुश्त ही ले लेता था. लखनऊ के तीनों संस्थानों से कुल मिलाकर 18 करोड़ रुपये से अधिक की फीस सालाना वसूल की जाती थी. इसके अलावा फिटजी मैनेजमेंट की तरफ से राजधानी के कई बड़े स्कूलों में भी इंटरमीडिएट लेवल के बच्चों को इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए अलग से पढ़ाया जाता था. इसके लिए बाकायदा संस्थान और स्कूल के बीच में मोटी फीस लेकर के समझोता होता था, जहां पर फिटजी के ही टीचर जाकर इन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के उन बच्चों की क्लासेस लेते थे जो इंजीनियरिंग फील्ड में जाना चाहते थे.

दूसरे कोचिंग सेंटर में ट्रांसफर किए गए बच्चे :कठौता झील केंद्र के आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि केंद्र के बंद करने की सूचना के बाद शुरुआत के कुछ दिनों में तो लोग यहां आते रहे, फिर केंद्र के पुराने निदेशक सभी अभिभावकों को दूसरे संस्थान में कम फीस पर प्रवेश दिलाने का आश्वासन देकर शिफ्ट हो गए. जानकारी के अनुसार, जो बच्चे पूरे साल की फीस जमा कर चुके थे उनका जून तक का कोर्स अभी बाकी था. इन बच्चों को ₹25000 फीस लेकर के दूसरे संस्थानों में प्रवेश दिलवाया गया है. फिटजी से जुड़े कुछ शिक्षक एक साथ एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में शिफ्ट हो गए हैं. यहां के सभी छात्रों को कन्वेंस कर दूसरे संस्थानों में प्रवेश दिलाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं. करीब 300 छात्रों को प्रवेश भी दिलाया जा चुका है.

12 साल पहले शुरू हुआ था सेंटर :फिटजी कोचिंग के साम्राज्य का पता इसी बात से चलता है कि 12 साल पहले इस कोचिंग की शुरुआत गोमती नगर स्थित स्कॉलर होम स्कूल में किराये पर बिल्डिंग में शुरू हुई थी. स्कूल समाप्त होने के बाद यहां पर बच्चों को इंजीनियरिंग की तैयारी कराई जाती थी. शुरुआत में इस कोचिंग द्वारा बच्चों को सस्ते फीस का प्रलोभन देकर उन्हें प्रवेश दिया गया था, जिसका असर किया हुआ कि राजधानी लखनऊ में कई छोटे कोचिंग संस्थानों को तगड़ा झटका लगा और वह बंद तक हो गए. बीते 12 वर्षों में फिटजी लखनऊ में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा क्रैक करने में सबसे अग्रणी संस्थानों में से एक था.

जेईई मेंस एग्जाम के शुरू होते ही बंद कर दिया सेंटर :इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी सहित प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी 22 जनवरी से ज्वाइंट एंटरेंस एक्जाम (जेईई मेंस) का आयोजन कर रही. इसके बाद अप्रैल में जेईई मेंस के दूसरे चरण का आयोजन होना है, फिर मई के आखिरी सप्ताह में जेईई एडवांस की परीक्षा होनी है. कुछ छात्रों का कहना है कि जब परीक्षा का समय आया तो संस्थान अचानक से बिना कोई सूचना दिए ही बंद कर दिया गया है. अगर किसी छात्र को परीक्षा संबंधी कोई तैयारी अथवा जानकारी प्राप्त करना है तो उनके सामने नए संस्थान के ज्वाइन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. अगर वह नया संस्थान ज्वाइन करते हैं तो उन्हें अतिरिक्त फीस भी देनी पड़ रही है, जो छात्र फीस नहीं दे सकते हैं वह अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

इस पूरे मामले पर संस्थान के निदेशक रहे एनके दुबे से बात की गई तो बताया कि उन्होंने नवंबर में ही संस्थान को छोड़ दिया था. उन्होंने साफ कहा कि संस्थान क्यों बंद हुआ वह इसके पीछे के कारण को नहीं जानते हैं. अब मेरा उस संस्थान से किसी भी तरह का कोई लेना-देना नहीं है.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 4:58 PM IST

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