नई दिल्ली:26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में दिल्ली की झांकी इस बार भी शामिल नहीं होगी. गणतंत्र दिवस के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल, पंजाब और कर्नाटक शामिल हैं, लेकिन दिल्ली की झांकी को फिर से खारिज कर दिया गया है. जिससे एक बार फिर विवाद उठ खड़ा हुआ है. रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने दिल्ली की झांकी को मंजूरी नहीं दी है. क्योंकि विशेषज्ञ समिति के अनुसार चयन के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया था.
इस फैसले से दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार से नाराज है और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह मुद्दा और भी गरमा सकता है. पिछले गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भी दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक की झांकी को परेड में शामिल करने की अनुमति नहीं मिली थी. इसको लेकर इन राज्यों ने विरोध जताया था.
परेड की थीम व शामिल होने वाली झांकियाः
इस बार की परेड का थीम 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' रखा गया है, जो देश के समृद्ध इतिहास और भविष्य की दिशा को प्रदर्शित करने का प्रयास है. गणतंत्र दिवस परेड के लिए बिहार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल किया गया है. यह झांकियां भारतीय संस्कृति, विरासत और विकास की विविधता को दर्शाएंगी.
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर साधा निशाना
दिल्ली की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल न करने पर अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजेपी दिल्ली की झांकी को इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं कर रही है. उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर बीजेपी के पास दिल्ली के लोगों के लिए कोई सकारात्मक विजन या योजना नहीं है, तो उन्हें केवल गालियां देने का क्या फायदा? केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी की चुनावी रणनीति केवल आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाने तक सीमित है, लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि दिल्लीवासियों को इन गालियों से कोई फायदा नहीं होने वाला है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है आखिर दिल्ली की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में क्यों नहीं शामिल होने दिया जाता है भाजपा इसका जवाब दे.