वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में नगर निगम की बिल्डिंग इतिहास बन जाएगी. विधानसभा की तर्ज बनने वाले नगर निगम के मिनी सदन का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा.
इसके लिए शासन स्तर से 98.83 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. माना जा रहा है कि 18 महीने के अंदर 7 मंजिला भव्य भवन तैयार होगा. वहीं 1986 में बनी प्रशासनिक बिल्डिंग को खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है.
दो हिस्सों में बना है नगर निगम: मौजूदा समय में वाराणसी नगर निगम दो हिस्सों में बना है. एक हिस्से में पार्षद, मेयर और अन्य विभाग संचालित होते हैं. यहीं पर मिनी सदन भी हुआ करता था, लेकिन सदन का यह हिस्सा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के दौरान ध्वस्त कर दिया गया.
लोगों को होती है दिक्कत: तब से अस्थाई रूप से सदन नगर निगम से दूर टाउनहॉल मैदान में संचालित हो रहा है. यहां से जलकल, डूडा, पशुपालन और अन्य विभाग संचालित होते हैं. पब्लिक को अपने कामों के लिए अलग-अलग जगह पर जाना पड़ता है. पार्षदों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
कार्यालयों को खाली करने का निर्देश: नगर निगम के प्रधान कार्यालय में उत्तरी छोर की तरफ नए भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने पुरानी बिल्डिंग में चल रहे कार्यालयों और मुख्य भवन में अवैध रूप से चल रहे कार्यालयों को खाली करने के निर्देश दिए हैं. निर्धारित समय में कार्यालय खाली नहीं करने पर सामान को बाहर कर दिया जाएगा.
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पुराने भवन को गिराने का काम जल्द शुरू होगा. इसके लिए राजकीय निर्माण एजेंसी सीएनडीएस जल निगम को नामित किया गया है.
नए भवन मॉडल तैयार:संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह इमारत अपने आप में बहुत ही भव्य और काशी की परंपरा के साथ उसकी झलक को लेकर तैयार करवाई जा रही है, जिसका मॉडल भी तैयार हो गया है. 70 हजार स्क्वायर फीट में इसका निर्माण होगा. सात मंजिल इस बिल्डिंग में फायर और सेफ्टी एलार्म होंगे. हाईटेक कंट्रोल रूम से इस परिसर की निगरानी की जाएगी.
सदन भवन में मेयर कक्ष, पार्षद कक्ष, कॉन्फ्रेंस हॉल होगा. इसमें 300 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. अंडरग्राउंड पार्किंग के साथ प्रशासनिक भवन, पशुपालन विभाग, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, पुलिस चौकी, सचिव दफ्तर होंगे. यहां पर हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया है.
सोलर पैनल से इस पूरे परिसर को लैस किया जाएगा. नगर निगम बिल्डिंग का कुछ हिस्सा तोड़कर सदन का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए सहमति बन गई है. यह भवन डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के पिछले गेट के सामने से लेकर नगर आयुक्त कार्यालय के बगल तक बनेगा. इसके चलते नगर निगम के उत्तरी तरफ की बिल्डिंग का कुछ हिस्सा तोड़ा जाएगा.
पुराने नगर निगम का इतिहास
- 1958 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने नगर पालिका भवन के रूप में शिलान्यास किया था.
- 1963 में तैयार होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्त ने किया उद्घाटन किया था.
- 1986 में उत्तरी हिस्से के बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ था.
- 1960 से लेकर अब तक नगर निगम में 79 प्रशासनिक अधिकारी बतौर इस अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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