नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में चिल्लाती गर्मी और तपिश का प्रकोप देखने को मिल रहा है. भीषण गर्मी के चलते न सिर्फ लोग परेशान हैं बल्कि गर्मी के मौसम में लोगों को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे समेत दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्र में सड़कों पर गाड़ियों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में लोगों के लिए अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ गाड़ी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बेहद आवश्यक हो जाता है.
हालांकि एक्सपर्ट गर्मी के मौसम में चलती गाड़ी में आग लगने के पीछे कई कारण बताते हैं. जिसमें से लापरवाही एक मुख्य कारण है. एक छोटी सी लापरवाही न सिर्फ गाड़ी में आग लगने का कारण बन सकती है, बल्कि गाड़ी में बैठे लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक भी हो सकती है. कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में गाड़ियों में आग न लगे इसके लिए एहतियात बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं किस तरह से सावधानी बरता जाए, जिससे आग लगने की घटना को समय रहत रोक जा सके.
कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मी के मौसम में लंबी ट्रिप पर निकलने से पहले एहतियात बरतने से गाड़ी में आग लगने के खतरे को रोका जा सकता है. हालांकि गाड़ी की जांच की प्रक्रिया कुछ घंटे में ही पूरी हो जाती है. किसी भी स्थानीय अधिकृत वर्कशॉप से गाड़ी की जांच करा सकते हैं. गाड़ी में कूलेंट होता है जो इंजन को हीट होने पर ठंडा रखता है. गर्मी के मौसम में गाड़ी का कूलेंट जल्दी खराब होता है. ऐसे में जरूरी है कि भीषण गर्मी के दौरान कूलेंट को समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट मौजूद रहे और गाड़ी हिट अपना हो. यदि गाड़ी ओवरहीट होती है तो गाड़ी में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
कार एक्सपर्ट के अनुसार. गाड़ी खरीदने के बाद लोग अक्सर अपनी गाड़ियों में आफ्टर मार्केट एसेसरीज लगवाते हैं जोकि खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि गाड़ी में लगने वाली एसेसरीज दो तरह की होती है पहले जो गाड़ी की कंपनी ही कस्टमाइज करती है और दूसरी जो थर्ड पार्टी कंपनी द्वारा मैन्युफैक्चर की जाती हैं. यदि आप थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई एसेसरीज गाड़ी में लगवाते हैं तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि बाहर से लगाई गई एसेसरीज की अक्सर वायरिंग ओवरहीट होने के चलते आग पकड़ लेती है. कई बार देखा गया है कि आफ्टर मार्केट एसेसरीज जो की थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई होती है उसे बैटरी और वायरिंग पर लोड बढ़ जाता है जिससे गाड़ी में शॉर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है.