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गैरसैंण में मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर, लोगों में नहीं दिख रहा उत्साह, जानें क्या है वजह - Monsoon Session in Gairsain

Uttarakhand Assembly Monsoon Session उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त से शुरू होगा. मानसून सत्र को लेकर गैरसैंण में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. सत्र को लेकर सड़कों के गढ्ढे भरे जा रहे हैं. साथ ही गैरसैंण में साफ सफाई व रंगरोगन का काम जोरों पर चल रहा है.

Preparations are in full swing for the monsoon session in Gairsain
गैरसैंण में मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 20, 2024, 12:34 PM IST

गैरसैंण में मानसून सत्र को लेकर लोगों में नहीं दिख राह उत्साह (Video- ETV Bharat)

गैरसैंण:गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में 21 तारीख से तीन दिवसीय मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. एक ओर जहां वर्षों से सड़कों में बने गड्ढों को पाटा जा रहा है तो वहीं दूसरी और रंगरोगन कर विधानसभा भवन सहित माननीयों के आवासों को चमकाया जा रहा है. वहीं माननीयों की सुरक्षा व अन्य सुविधाओं को चाक-चौबंद करने में प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है.

घोषणा के बाद भी नहीं बना जिला:तीन दिवसीय सत्र को लेकर क्षेत्रीय जनता में कोई उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है. वहीं सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता सत्र को लेकर काफी उत्साहित दिखाई पड़ रहा है. गैरसैंण को लेकर किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए हुए हैं. वहीं जनता में गैरसैंण में सत्र कराए जाने को लेकर उत्साह न दिखाना सरकारों का गैरसैंण के प्रति उदासीन रवैया भी इसका एक मुख्य कारण माना जा रहा है.

विधानसभा भवन का भूमि पूजन:गौरतलब है कि गैरसैंण में पूर्व की बहुगुणा सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व तत्कालीन कर्णप्रयाग विधायक व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के प्रयासों के बाद साल 2013 में विधानसभा भवन का भूमिपूजन किया गया. साल 2013 में ही हरीश रावत सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेज गैरसैंण के क्रीड़ा मैदान में टैंट वाली विधानसभा का आयोजन के साथ विधानसभा भवन का शिलान्यास भी किया.

भारी भरकम बजट की घोषणा:साल 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इच्छाशक्ति दिखाते हुए गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर गैरसैंण स्थाई राजधानी की ओर एक कदम बढ़ा दिया. वहीं साल 2022 में त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा ही गैरसैंण को मंडल बनाकर गैरसैंण के विकास के नये रास्ते खोलने की बात कही गई. वहीं भराड़ीसैण विधानसभा परिक्षेत्र के विकास हेतु 25 हजार करोड़ के भारी भरकम बजट की घोषणा की गई.

मांग पूरी ना होने पर क्षेत्रीय जनता निराश:लेकिन वो बजट आज तक स्वीकृत नहीं हो पाया. जिससे जनता ठगा सा महसूस कर रही है. यही कारण है कि जनता में सत्र को लेकर उत्साह नहीं दिखाई दे रही है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलते ही तीरथ सिंह रावत ने गैरसैंण मंडल की घोषणा को रद्द कर दिया गया. जिससे क्षेत्रीय जनता निराश हो गई.

जिले की मांग को लेकर आंदोलन:जानकारों कहते हैं कि जिला इकाई बनने से एक और जहां सरकार को ग्रीष्मकालीन राजधानी संचालन में आसानी होती तो वहीं क्षेत्रवासियों को जिला बनने से तमाम सुविधाओं का लाभ भी मिलता. गैरसैंण को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर कई बार क्षेत्रवासियों ने आंदोलन की राह चुनी, लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण मांग आज तक पूरी नहीं हो पायी है.

क्षेत्रीय विधायक ने जिले की मांग का किया समर्थन:जिले की मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल ने कहा कि क्षेत्रवासी लंबे समय से जिले की मांग कर रहे हैं,जो प्रशासनिक ओर विकासीय लिहाज से आवश्यक भी है. उन्होंने प्रस्तावित सत्र में मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की बात कहते हुए कहा कि, आशा है गैरसैंण को जल्द जिला बनाया जाएगा.

जिला बनने से मूलभूत समस्याओं का होगा निस्तारण:वहीं पूर्व कनिष्ठ प्रमुख प्रेम संगेला ने कहा कि जरूर क्षेत्रवासी तीन दिवसीय सत्र को लेकर उदासीनता हैं. लेकिन दूसरी ओर क्षेत्रवासी सत्र को लेकर आशान्वित भी हैं. कहा कि क्षेत्रवासियों की लंबे समय से गैरसैंण को जिला बनाये जाने की जो मांग है, उसे जरूर पूरा किया जाना चाहिए.कहा कि जिला बनने से क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं का समय पर निस्तारण हो पायेगा.

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