मेरठ : जिले से लगातार तमाम खेल प्रतिभाएं निकल रही हैं, लेकिन उसके बावजूद भी खेल की नर्सरी कहे जाने वाले मेरठ में खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं का अभाव है. आलम यह है कि जो भी खिलाड़ी पदक ला रहे हैं, उन्हें मेरठ में मायूस होना पड़ रहा है. नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर प्रतियोगिता की तैयारी के लिए बाहर किसी अन्य राज्य का रुख करना पड़ रहा है.
मेरठ पश्चिमी यूपी का एक ऐसा शहर जिसे स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर जाना जाता है. यहां के बने स्पोर्ट्स गुड्स की दुनिया भर में डिमांड है. यहां के खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर अपना लोहा मनवाया है, देश को मेडल दिलाएं हैं. लेकिन, मेरठ आज भी अपने खिलाड़ियों के लिए वो इंतजाम तक नहीं कर पाया है, जोकि उपयुक्त और जरूरी हैं. हाल ही में एशियन गेम्स में भारत का मान यहां के खिलाड़ियों ने बढ़ाया है. लेकिन, जब ईटीवी भारत ने खिलाड़ियों से बात की तो वे बताते हैं कि पर्याप्त इंतजाम अभी तक मेरठ में नहीं हैं. बातचीत के दौरान पैरा खिलाड़ी फातिमा ने बताया कि सभी इंतजाम खिलाड़ियों के लिए मेरठ में नहीं हैं. वह कहती हैं कि पिछले सात साल से खेल रही हैं, लेकिन जब मेरठ में सभी व्यवस्था या इंतजाम नहीं हैं, जिस वजह से वह स्वयं भी तैयारी के लिए बाहर जाकर प्रशिक्षण लेती हैं.
आयोजित होने वाली हैं प्रतियोगिताएं :जिला क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष अश्वनी कुमार गुप्ता ने बताया कि आज हमारे जिले के बेटे-बेटियां मेडल ला रहे हैं, वे खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन के बल पर ही आगे बढ़ रहे हैं. न खिलाडियों के लिए सुविधाएं उस लेवल की हैं न हीं ट्रैक हैं. उन्होंने बताया कि कोच तक नहीं हैं, ऐसे में बेहद गंभीर विषय यह है कि आगामी समय में तमाम प्रतियोगिताएं आयोजित होने वाली हैं. खेल उत्पाद के मामले में बड़ा हब मेरठ है, जबकि खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं. प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि खिलाड़ी मेडल लेकर आएं.