झालावाड़. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश गणेशराम मीणा शनिवार को झालावाड़ के एक दिवसीय दौरे पर रहे. उन्होंने अभिभाषक परिषद के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वकील न्यायिक व्यवस्था की अंतरात्मा हैं. वकीलों के बिना इस व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती. मीणा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बार एसोशिएशन में महिला पदाधिकारियों की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया.
न्यायाधीश मीणा ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में जज हड्डी तथा खून का पुलिंदा ही है, उसकी आत्मा तो वकील है. उन्होंने कहा कि वह अधिवक्ताओं को सर्वोपरि मानते हैं. इस दौरान चुटकी भरे अंदाज में वे बोले कि उन्हें अब वकीलों को सुनने की आदत है, सुनाने की नहीं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के महिलाओं को बार एसोसिएशन में 33 प्रतिशत भागीदारी देने के फैसले के बारे में भी अधिवक्ताओं को अवगत कराया और अधिवक्ताओं से सरल स्वभाव से लोगों की सेवा करने तथा ईश्वर में ध्यान लगाने की नसीहत दी.