जयपुर:राजधानी में त्वचा रोगों से जुड़े डॉक्टरों की नेशनल कॉन्फ्रेंस 'डर्माकॉन 2025' का शुभारंभ शुक्रवार को सीतापुरा स्थित जेईसीसी में हुआ, जिसमें दुनिया भर त्वचा रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. यह तीन दिन तक चलेगा.
इस 53वें राष्ट्रीय सम्मेलन डर्माकॉन-2025 का आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स (IADVL) की ओर से किया जा रहा है. इसका उद्घाटन IADVL के अध्यक्ष डॉ राजीव शर्मा ने किया. पहले दिन चिकित्सीय त्वचा विज्ञान पर एक पूर्व-सम्मेलन निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) और शल्य एवं सौंदर्य त्वचा विज्ञान पर दो कार्यशालाएं आयोजित की गई. इसमें 1000 से भी अधिक डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया और शल्य एवं त्वचा सौंदर्य अपने विचार साझा किए.
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इन विषयों पर हुई तकनीकी चर्चा:आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.यू.एस.अग्रवाल ने बताया कि भारत के प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ इस सम्मेलन में अपने विचार साझा कर रहे हैं. वर्कशॉप्स में डर्माटो-सर्जिकल तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें बोटोक्स, फिलर्स, लेजर, हिफू और पीआरपी द्वारा त्वचा कायाकल्प (रिजुवेनेशन) की प्रक्रिया को वीडियो डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है. आयोजन सचिव डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि डर्माकॉन में देश विदेश के जाने माने 600 से अधिक भारतीय विशेषज्ञ और 21 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा कर रहे है. त्वचा रोग विशेषज्ञ सावधानी और उपचार के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
एआई पर विशेष सत्र:वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष डॉ. असित मित्तल ने बताया कि निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम में चिकित्सा उपचारों में हुई नवीनतम प्रगति पर डर्माकॉन 2025 में चर्चा की जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा. इसमें 'त्वचा संबंधी विकारों के प्रबंधन में एआई की भविष्य में भूमिका' विषय पर प्रकाश डाला जाएगा. इसमें आधुनिक इमेजिंग तकनीकों के माध्यम से त्वचा रोगों के निदान एवं उपचार में उनकी भूमिका पर भी चर्चा की जा रही है. कार्यक्रम के दूसरे दिन विभिन्न त्वचा रोगों और उनके प्रबंधन पर 45 वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अपने विशेष विचार साझा करेंगे. मुख्य वैज्ञानिक सत्र मुहांसे, बच्चों में त्वचा सम्बंदि रोग, दवाओं के त्वचा पर दुष्प्रभाव हेयर फॉल, त्वचा के फंगल संक्रमण, सफेद दाग, आनुवांशिक त्वचा रोग पर चर्चा की जाएगी.