अजमेर:जिले में मावठ की पहली बरसात शुक्रवार को हुई. यहां देर रात शुरू बारिश सुबह तक जारी थी. बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट आई है. इस बारिश को फसलों के लिए अच्छा माना जा रहा है, लेकिन किसानों को चिंता भी है कि यदि मावठ के साथ ओले गिरे तो खेतों में फसलों को भारी नुकसान भी हो सकता है.
मौसम विभाग के अनुसार अजमेर में बरसात के साथ कहीं कहीं ओले गिरने के भी आसार है. मावठ की पहली बारिश से अजमेर तरबतर हो गया है. काले बादलों ने सुबह से ही सूरज को ढंक दिया. लगातार बिजलियां चमकती रही. तापमान की बात करें तो अधिकतम 19 डिग्री और न्यूनतम 11 डिग्री है. मौसम विभाग की मानें तो 31 जनवरी तक कोहरा और तेज सर्दी रहेगी. साथ ही मावट और ओलावृष्टि भी हो सकती है. अजमेर के सभी उपखंड और तहसील क्षेत्र में मावठ की पहली बारिश का दौर जारी है. इनमें पुष्कर, नसीराबाद, किशनगढ़, रूपनगढ़ और पीसांगन शामिल है.
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मावठ से खुशी, लेकिन ओलावृष्टि की चिंता:सर्दियों में होने वाली मावठ की बरसात फसलों के लिए अमृत मानी जाती है. फिलहाल, बारिश से फसलों को फायदा ही नजर आ रहा है, लेकिन ओलावृष्टि हुई तो यही फायदा भारी नुकसान में भी बदल सकता है. रबी की फसल को लेकर किसान उम्मीद से है. हालांकि ओलावृष्टि की आशंका ने उनकी चिंता बढ़ा दी है.
रैन बसेरों में है इंतजाम:अजमेर नगर निगम की ओर से संचालित रैन बसेरों में असहाय लोगों के रहने की व्यवस्था है. सर्दी से बचाव के सभी साधन मौजूद है. अजमेर में दमकल विभाग के सामने, जेएलएन अस्पताल के ओपीडी वार्ड के बाहर परिसर में, आशागंज, पड़ाव क्षेत्र में यह रेन बसेरे संचालित है. यहां महिलाओं के लिए रहने की अलग से व्यवस्था है.
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उदयपुर में फुहारें गिरीं:झीलों की नगरी उदयपुर में मौसम परिवर्तन का दौर देखने को मिला.गुरुवार देर रात को सीजन की पहली मावठ हुई.रात करीब 2 बजे हल्की फुहारें शुरू हुई. इसके कुछ ही देर बाद तेज बूंदाबांदी होने लगी. हालांकि, यह कुछ मिनटों बाद ही थम गई. मौसम विभाग ने उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, राजसमंद आदि जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया हुआ है.
कुचामन में बारिश से ठिठुरन बढ़ी:कुचामन में गुरुवार मध्यरात्रि बाद हुई तेज बारिश से इलाके में ठिठुरन बढ़ गई. सर्दी की पहली बारिश व अधिक ठंड होने के कारण बाजारों में सन्नाटा परसा हुआ है. कई स्कूलों में छुट्टियां है तो कुछ स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति दिख रही है. किसानों के अनुसार बारिश फसल के लिए लाभकारी है, लेकिन ओलावृष्टि की चिंता है.
बहरोड़ में रुक रुक कर बारिश:बहरोड़ क्षेत्र में देर रात से रुक रुक कर हो रही बारिश से किसानों की फसल को फायदा हुआ है. मावठ होने से सर्दी भी बढ़ गई. यह बारिश सरसों, चना और गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है.