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हत्या का प्रयास करने वाले शख्स को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा, लगाया लाखों का हर्जाना - Chittorgarh court Decision

2019 में युवक की चैन खींचते वक्त विरोध करने पर बदमाश ने युवक पर जानलेवा हमला किया था. 5 साल बाद चित्तौड़गढ़ अपर जिला एवं सत्र कोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए आरोपी को 7 साल की कैद और 4.50 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

CHITTORGARH COURT DECISION
चित्तौड़गढ़ में हत्या का प्रयास (FILE PHOTO)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 1:57 PM IST

चित्तौड़गढ़. हत्या की नियत से चाकू से गर्दन पर वार करने के मामले में चित्तौड़गढ़ अपर जिला एवं सत्र कोर्ट ने आरोपी को अलग-अलग धाराओं में दोषी मानते हुए 7 साल की कठोर कैद और 4 लाख 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

अपर लोक अभियोजक संख्या- 2 अब्दुल सत्तार खान के अनुसार 4 जुलाई 2019 को बस्सी निवासी गणपत सिंह रावना राजपूत ने एम बी हॉस्पिटल उदयपुर में इलाज के दौरान रिपोर्ट पेश की कि 30 जून को वह गाय को पानी पिलाने अपने बाड़े में गया था, जहां एक आदमी ने उसे दबोच कर गले से सोने की चैन छीनने की कोशिश की. उसने चेन पकड़ ली तो उसने जान से मारने की नीयत से चाकू से गर्दन पर वार किया, जिससे उसकी गर्दन आगे से कट गई. बचने के लिए दोनों हाथों से रोकने की कोशिश में उसके दोनों हाथों में भी चोट आई. वार करने वाला शरीफ पिता अजीज मोहम्मद बस्सी निवासी था. गर्दन से खून निकलने के बाद गणपत बेहोश हो गया था. इसके बाद परिजनों ने उसे बस्सी अस्पताल और फिर बाद में उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया.

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प्रकरण में पुलिस ने बाद में अनुसंधान धारा 326 ,120B IPC का इजाफा कर शरीफ मोहम्मद और नारायण लाल के विरुद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया.अभियोजन ने प्रकरण के समर्थन में 17 गवाह व 15 दस्तावेज पेश किए. चोट प्रतिवेदन तैयार करने वाले डॉ. हरिओम लड्ढा ने श्वास नली के कटने को मानव जीवन गंभीर प्रकृति मानकर अपनी राय दी थी. बचाव पक्ष और अपर लोक अभियोजक की बहस सुनने के पश्चात 37 वर्षीय आरोपी शरीफ मोहम्मद को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 में 7 वर्ष का कठोर कारावास और ₹25,000 का जुर्माना, धारा 393 में 3 वर्ष का कठोर कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना, धारा 326 में 3 वर्ष का कठोर कारावास और ₹10,000 जुर्माना और धारा 324 में 1 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं प्रकरण में एक अन्य आरोपी नारायण लाल को दोष मुक्त कर दिया गया.

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