सरगुजा:शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार के दिन सड़क से गुजर रही छोटे बच्चे पर कुत्ते ने हमला बोल दिया. गनीमत रही कि उस वक्त मौके से गुजर रहे एक एक शख्स की नजर बच्चे पर पड़ गई. बुजुर्ग की मदद से बच्चे की जान बच गई. कुत्ते के हमले का वीडियो वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा कुत्ते अब लोगों के लिए खतरे का सबब बनते जा रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक हर महीने ढाई सौ लोग कुत्ते के काटने के शिकार हो रहे हैं. बीते दस महीनो में ये आंकड़ा 2543 तक पहुंच चुका है.
हर महीने 250 लोग डॉग बाइट के हो रहे शिकार: दरअसल शहर सहित जिले भर में आवरा कुत्तों की आबादी तेजी से बढ़ी है और लोग इन आवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं. कुत्तों के काटने की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर महीने औसतन 250 लोग कुत्ते के हमले से घायल हो रहे हैं. इनमें से कई लोगों पर कुत्तों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल भी कर दिया है. बावजूद इसके कुत्तों को पकड़ने और उनके वैक्सीनेशन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है.
रेबीज को लेकर क्या कहते हैं जानकार: इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र गुप्ता का कहना है कि कुत्ते या किसी भी जानवर के काटने से होने वाले रेबीज का कोई इलाज अब तक नहीं बना है. एक बार किसी व्यक्ति को रेबीज हो गया तो उसकी मौत निश्चित है. कुत्ते के काटने पर कई बार तीन महीने के बीच रेबीज के लक्षण सामने आते है. कुत्ते का गले के ऊपर के भाग में काटना गंभीर माना जाता है और इसे ग्रेड तीन में गिना जाता है. ऐसी स्थिति में घाव को सिर्फ साबुन पानी से धोने के बाद उस पर एंटी रेबीज सीरम लगाया जाता है और रेबीज का इंजेक्शन दिया जाता है. कुत्ते के काटने से बने घाव को कभी भी टांका नहीं लगाया जाता है क्योंकि इससे रेबीज का इंफेक्शन फैलता है.