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सियाचीन से अंडमान निकोबार के सफर पर सेना के जवान, समुद्र के अंदर फहराएंगे तिरंगा - TERRITORIAL ARMY CYCLE TRIP SAGAR

प्रादेशिक सेना की एक टुकड़ी इंदिरा प्वाइंट तक की साइकिल यात्रा पर निकाली है. सेना के 21 जवान भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी के स्थापना के 75 साल होने के मौके पर ये चुनौतीपूर्ण यात्रा कर रहे हैं. ये साइकिल यात्रा 27 अगस्त को सागर पहुंची. जहां इसका भव्य स्वागत किया गया है.

SAGAR TERRITORIAL ARMY CYCLE TRIP
प्रादेशिक सेना की साइकिल यात्रा पहुंची सागर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 9:46 AM IST

Updated : Aug 28, 2024, 11:06 AM IST

सागर: भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) की स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर पर सेना के 21 जवान चुनौतीपूर्ण साइकिल यात्रा कर समुद्र में डूब चुके दक्षिणी छोर पर भारत का झंडा लहराएंगे. 30 जुलाई को सियाचीन ग्लेशियर से शुरू हुई यात्रा मंगलवार 27 अगस्त को सागर पहुंची. जहां महार रेजिमेंट सेंटर पर इनका भव्य स्वागत किया गया. भारी बारिश के बीच अब तक 1650 किमी का सफर तय कर चुके जवान जोश और उत्साह से भरे हैं. गौरतलब है कि 2004 की सुनामी में ओरिजनल इंदिरा प्वाइंट समुद्र की गहराइयों में पहुंच गया है. सेना के जवान स्कूबा डाइविंग कर समुद्र के अंदर इंदिरा प्वाइंट पर तिरंगा फहराएंगे.

प्रादेशिक सेना की साइकिल यात्रा (ETV Bharat)

सियाचीन गलेशियर से अंडमान तक साइकिल यात्रा

मेजर अभिनव सिंह रावत ने बताया कि "ये साइकिल यात्रा हमने से सियाचीन ग्लेशियर लद्दाख से शुरू की थी और इसे अंडमान निकोबार दीप समूह के आखिरी द्वीप केंबल वे के सबसे दक्षिणी छोर इंदिरा प्वाइंट पर खत्म करेंगे. दोनों के बीच की दूरी करीब 5500 किलोमीटर है. आज हम सागर पहुंचे हैं, तो यहां से चेन्नई तक साइकिल से ही जाएंगे. उसके बाद आर्मी एयरक्राफ्ट से पोर्ट ब्लेयर पहुंचेंगे. पोर्ट ब्लेयर में जो बड़े द्वीप हैं, वहां साइकिल चलाएंगे और एक द्वीप से दूसरे द्वीप के बीच सेलिंग करेंगे. जब हम आखरी द्वीप केंबल वे पहुंचेंगे और वहां के आखिरी बिंदु इंदिरा प्वाइंट पर डीप स्कूबा डाइव करेंगे. स्कूबा डाइव के जरिए हम समुद्र की तलहटी में जाएंगे और 2004 की सुनामी में डूब चुके ओरिजिनल इंदिरा प्वाइंट पर भारत का परचम लहराने के बाद आराम करेंगे."

सियाचीन गलेशियर से अंडमान तक साइकिल यात्रा (ETV Bahrat)

मुश्किलों और चुनौतियों भरा सफर

देश के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर तक करीब 5500 किलोमीटर की साइकिल यात्रा को लेकर अभिनव सिंह रावत बताते हैं कि "हमने ये यात्रा 30 जुलाई को शुरू की थी. एकाध दिन बारिश के कारण हमें यात्रा को रोके रखना पड़ा और 7 व 8 दिन के बाद एक बार हम रेस्ट लेते हैं. हमारी टीम में 2 अफसर, 3 जूनियर कमांडिंग ऑफिसर और 16 अलग-अलग रैंक के जवान हैं."

जवानों ने सियाचिन से शुरू की साइकिल यात्रा (ETV Bharat)

तेज बारिश और भूस्खलन का करना पड़ा सामना

अभी तक हम करीब साढ़े 1600 किमी तक का सफर पूरा कर चुके हैं. जिसमें हमने लद्दाख की पांच दुर्गम पहाड़ियों खारदुंगला, तांगलांंगेला, लाचुंग ला, नमकीन ला और बारालाचला को क्रॉस किया है. उसके बाद हमने हिमाचल प्रदेश में हिमालय की पहाड़ियों को पार किया. जहां हमे तेज बारिश और भूस्खलन का सामना करना पड़ा. अब हम एक तरह से समतल मैदान में सफर कर रहे हैं और इसके बाद हम डेक्कन की तरफ चले जाएंगे. हमें उम्मीद है कि 52 से 55 दिन के अंदर हम अपनी साइकिल यात्रा पूरी कर लेंगे. इस यात्रा के दौरान हम करीब 15 राज्यों से होकर गुजरेंगे.

प्रादेशिक सेना के 21 जवान कर रहे चुनौतपूर्ण साइकिल यात्रा (ETV Bharat)

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साइकिल यात्रा के चार मुख्य उद्देश्य

  • हमारी टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं. आगामी 9 अक्टूबर को टेरिटोरियल आर्मी का 75 वां वर्ष मनाया जाएगा. इस खास मौके को यादगार बनाने हम साइकिल यात्रा कर रहे हैं.
  • लद्दाख से लेकर अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक भूतपूर्व सैनिक और युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवाओं और उनके परिवार से मुलाकात कर रहे हैं.
  • स्कूल, कॉलेज में स्टूडेंट्स और एनसीसी कैडेट्स के बीच राष्ट्रीय एकता का संदेश दे रहे हैं.
  • एक और उद्देश्य देश के लोगों को साइकिल चलाने के प्रति जागरूक करना है.
Last Updated : Aug 28, 2024, 11:06 AM IST

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