जयपुर. राजस्थान में दो चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा. पहले चरण की 12 लोकसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. वहीं, अब दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरू गई है. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल है. दूसरे चरण की 13 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों ने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. बावजूद इसके 1-1 सीट पर उम्मीदवार घोषित होने बाकी हैं. दूसरे चरण की शेष 12 सीटों में से 10 सीटें ऐसी हैं, जहां दिग्गजों की साख दांव पर लगी है और ये सभी सीटें हॉट बन गई हैं.
इन सीटों पर टिकी सबकी निगाहें :दूसरे चरण की 13 सीटों में से करीब 10 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं की साख दांव पर है. इनमें बाड़मेर-जैसलमेर, बांसवाड़ा, कोटा, भतरपुर, जोधपुर, जालोर-सिरोही, चितौड़गढ़, झालावाड़-बारां, राजसमंद और उदयपुर लोकसभा सीटें शामिल हैं. यहां दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेता मैदान में हैं. दूसरे चरण की इन सीटों पर प्रदेश के दो पूर्व सीएम, दो केंद्रीय मंत्री, मौजूदा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष , दो ब्यूरोक्रेट्स की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इन सभी सीटों पर हर किसी की नजर है. हालांकि, डूंगरपुर-बांसवाड़ा से कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया, जबकि भाजपा ने भीलवाड़ा सीट को होल्ड पर रखा है.
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जालोर-सिरोही सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मैदान में उतारा है. ऐसे में जोधपुर के साथ ही जालोर-सिरोही सीट भी गहलोत के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. वैभव गहलोत के पिछले लोकसभा चुनाव में जोधपुर से हारने के बाद इस बार उनकी सीट में बदलाव किया गया. उनकी प्रतिष्ठा भी यहां दांव पर है. रानीवाड़ा से विधायक रतन देवासी भी गहलोत के करीबी माने जाते हैं. उनकी भी प्रतिष्ठा इस सीट पर दांव पर लगी है. इसके साथ ही कांग्रेस के स्थानीय कद्दावर नेता पुखराज पाराशर के लिए भी ये सीट प्रतिष्ठा का विषय है.
राजस्थान की हॉट सीटें
1- बाड़मेर-जैसलमेर : इस सीट से भाजपा ने दोबारा कैलाश चौधरी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने उम्मेदाराम को अपना प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, यहां निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी के चुनाव लड़ने के ऐलान से मुकाबला रोचक हो गया है. ऐसे में अब इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, भाजपा से सरकार में मंत्री केके विश्नोई का साख भी यहां दांव पर है. इन दोनों ही नेताओं का इस संसदीय क्षेत्र में सियासी वर्चस्व है. यही वजह है कि दोनों अभी से ही ऐड़ी चोटी का दम लगाए हुए हैं.
2- डूंगरपुर-बांसवाड़ा :इस सीट पर लगातार दो बार से भाजपा का कब्जा रहा है. हालांकि, इस बार भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर कांग्रेस के आदिवासी समाज से आने वाले कद्दावर नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. वहीं, इस सीट पर कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. बावजूद इसके सियासी हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस भारतीय ट्राइबल पार्टी से यहां गठबंधन कर सकती है और बीएपी के राजकुमार रोत मैदान में उतर सकते हैं. ऐसे में भाजपा के साथ यहां से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अर्जुन सिंह बामनिया की भी प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
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3 - जालोर-सिरोही :इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने पिछले दो चुनावों से जीतते आ रहे देवजी पटेल की विधानसभा चुनाव में हार के बाद लुम्बाराम चौधरी को मैदान में उतारा है. यहां विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का काम देख रहे जोगेश्वर गर्ग और मंत्री ओटाराम देवासी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. वहीं, इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पूर्व सीएम गहलोत की भी यहां प्रतिष्ठा दांव पर है.