भिलाई\दुर्ग: छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायन विधा को विदेशों तक पहुंचाने वाली पद्मश्री पदम् विभूषण और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. तीजन बाई की तबियत पिछले कई दिनों से खराब चल रही है. दिनों दिन तीजन बाई की तबियत खराब होती जा रही है. बताया जा रहा है कि अब तीजन बाई ने बात करना भी बंद कर दिया है.
तीजन बाई की दिनों दिन खराब हो रही तबियत: दुर्ग जिले के गनियारी गांव में रहने वाली पारधी समाज से आने वालीं तीजन बाई ने अपना जीवन पंडवानी गायन विधा को समर्पित कर दिया. वह पंडवानी के जरिए पांडवों की कथा कापालिक शैली में सुनाती थी. भिलाई की तीजन बाई की जिस आवाज पर हजारों तालियां बजती थीं, अब यह आवाज फीकी पड़ती जा रही है. तीजन बाई को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया है.
दुआ के साथ दवा की भी जरूरत: पिछले करीब डेढ़ साल से तीजन बाई बिस्तर पर ही है. दो महीने पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से बंद हुई फिजियोथैरेपी दोबारा शुरू नहीं हो सकी है. जानकारी मिली है कि तीजन बाई को केंद्र सरकार से 4 हजार 3 सौ 66 रुपये की पेंशन मिलती है. इलाज में होने वाला खर्च तीजन बाई की जमा पूंजी से किया जा रहा है.
तीजन बाई की बहु रेणु ने बताया "जमा पूंजी से ही तीजन बाई का इलाज करवाया जा रहा है. हर महीने दवाई में 15 से 16 हजार रुपए खर्च होते हैं. सहायता राशि के लिए के लिए 3 माह पहले सरकार और जिला प्रशासन से इलाज और पेंशन के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई मदद नहीं मिली. संस्कृति विभाग से कुछ दिनों पहले अधिकारी मिलने आए थे, जिन्होंने पेंशन और इलाज के लिए राशि देने का अवशासन दिया है. "
विधायक रिकेश सेन ने 1 लाख देने की घोषणा की: इधर तीजन बाई की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने अपने मानदेय से उन्हें एक लाख रुपये देने का निर्णय लिया है. वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने कहा कि मीडिया को माध्यम जानकारी लगी है कि इलाज में होने वाला खर्च तीजन बाई की जमा पूंजी से किया जा रहा है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. इसलिए उन्होंने अपने इस माह के मानदेय से एक लाख रूपये तीजन बाई के उपचार और दवा के लिए देने का निर्णय लिया है.