लखनऊ :प्राविधिक शिक्षा विभाग में डिप्लोमा सेक्टर में विभागाध्यक्ष के पदों पर प्रमोशन के मामले में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. तत्कालीन प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एवं देवराज की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने सभी प्रवक्ताओं को 6600 ग्रेड पे पर खाली पदों पर पदोन्नति की संस्तुति की थी. इसके बाद जब आदेश जारी हुआ तो पदोन्नति 9000 के ग्रेड पे पर कर दी गई. इसे लेकर विरोध जताया जा रहा है.
प्रमोशन के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हुई. प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा की अध्यक्षता में 30 मई को भी समिति की बैठक हुई. इसके बाद जारी आदेश में लिखा गया कि विभागाध्यक्षों को 6600 ग्रेड पे पर पदोन्नति की संस्तुति की जाती है. इसके बाद जब 9 दिसंबर को प्रमोशन का आदेश जारी किया गया तो 9000 ग्रेड पे पर पदोन्नति दी गई. इसके बाद पूरे मामले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
जारी किया गया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat) इस पूरी प्रक्रिया में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के आदेशों की अनदेखी करने का भी आरोप लगा है. उत्तर प्रदेश प्रादेशिक शिक्षा अप्लाइड साइंस एवं ह्यूमैनिटीज सेवा संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि विभाग एक मामले में एआईसीटीई के नियम माने और एक मामले में नहीं, यह पूरी तरह गलत है.
जारी किया गया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat) बता दें कि विभिन्न राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में 177 शिक्षकों को एचओडी के पद पर हाल ही में पदोन्नति दी गई है. इसमें गलत वेतनमान देने के आरोप लग रहे हैं. गजेंद्र सिंह ने बताया कि भाजपा की खुर्जा बुलंदशहर की विधायक मीनाक्षी सिंह ने पॉलीटेक्निक में चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया की शिकायत मुख्यमंत्री से 30 नवंबर को की थी. मुख्यमंत्री के विशेष सचिव शशांक त्रिपाठी ने 9 दिसंबर को प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजा था.
खास यह है कि इसी दिन यानी 9 दिसंबर को ही इन शिक्षकों के विभाग अध्यक्ष पद पर पदोन्नति का आदेश भी जारी हो गया. पूरे मामले पर प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार का कहना है कि 2012 से 2019 के बीच खाली पड़े विभागाध्यक्ष के पदों पर नियम के अनुसार ही पदोन्नति की गई है. 2019 के बाद के खाली पदों पर एआईसीटीई के नियमों को लागू करेंगे. हमने जो सेवा नियमावली कैबिनेट से मंजूरी ली है उसी के अनुसार इसे किया गया है. उन्होंने कहा कि 9000 ग्रेड पे एआईसीटीई की संशोधित वेतन नियमावली के तहत दी गई है.
यह भी पढ़ें :प्राविधिक शिक्षा परिषद में HOD की सीधी भर्ती में उठे सवाल, 177 प्रवक्ताओं को नियम विरुद्ध दिया गया प्रमोशन