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रक्तदान महादान को आगे बढ़ा रही है टीम वारियर्स उत्तराखंड, 9000 लोगों को उपलब्ध करा चुकी है ब्लड - World Blood Donor Day

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 14, 2024, 1:06 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 2:37 PM IST

World Blood Donor Day 2024 हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. रक्तदान को महादान कहा जाता है, जिसके दान करने से लोगों की जान बच सकती है. इसलिए सरकार और तमाम संगठन आगे आकर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं. वहीं इसी के इतर रक्तदान व्यापार का भी एक बड़ा जरिया बन गया है. साथ ही लोगों से रक्तदान करवा कर महंगे दामों पर जरूरतमंदों को बेचा जा रहा है.

Team Warriors Uttarakhand is promoting blood donation
रक्तदान को आगे बढ़ा रही है टीम वारियर्स उत्तराखंड (फोटो- ईटीवी भारत)

रक्तदान महादान को आगे बढ़ा रही है टीम वारियर्स उत्तराखंड (वीडियो-ईटीवी भारत)

देहरादून:हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसकी मुख्य वजह यही है कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जा सके और लोग मानवता को ध्यान में रखते हुए बढ़-चढ़कर रक्तदान करें. हालांकि, आज के इस दौर में ये महादान व्यापार का एक बड़ा जरिया बन गया है. लोग बढ़-चढ़कर ब्लड सेंटर खोल ले रहे हैं और लोगों से रक्तदान करवा कर महंगे दामों पर जरूरतमंदों को बेच रहे हैं.

रक्तदान करते टीम वॉरियर्स उत्तराखंड के सदस्य (फोटो- ईटीवी भारत)

इसके इतर कुछ ऐसे सामाजिक संगठन भी हैं जो बिना किसी लालच के जरूरतमंदों को रक्त मुहैया करा रहे हैं. ऐसा ही एक संगठन है टीम वॉरियर्स उत्तराखंड (Team Warriors Uttarakhand) जो प्रदेशभर में अपने वॉरियर्स को भेजकर मरीज को ब्लड मुहैया करवाता है. देहरादून के रहने वाले शिवम बहुगुणा ने ये संगठन शुरू किया.

रक्तदान के लिए आगे आई टीम वॉरियर्स उत्तराखंड (फोटो- ईटीवी भारत)

दरअसल, करीब पांच साल पहले शिवम बहुगुणा ने रक्तदान को लेकर तमाम समस्याओं को देखते हुए ब्लड डोनेशन के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया था, जिसमें कुछ परिचितों को जोड़ा था. इसके साथ ही देहरादून में जिस भी मरीज को ब्लड की जरूरत होती थी वो उन्हें अपने ग्रुप के सदस्यों के जरिए ब्लड डोनेट करवाते थे. इसके कुछ समय बाद ही शिवम बहुगुणा ने टीम वॉरियर्स उत्तराखंड संगठन को बनाया.

टीम वॉरियर्स उत्तराखंड के सदस्यों की टीम (फोटो- ईटीवी भारत)

वर्तमान में टीम वॉरियर्स उत्तराखंड से 1700 वॉरियर्स जुड़े हुए हैं, जिसमें 17 कोऑर्डिनेटर्स और 7 कोर मेंबर शामिल हैं. प्रदेशभर में जिस भी मरीज को ब्लड की आवश्यकता होती है और इन्हें पता चलता है तो नजदीकी वॉरियर्स को वहां भेजकर संबंधित मरीज के लिए ब्लड डोनेट किया जाता है.

रक्तदान से बच सकती हैं कई जिंदगियां (फोटो- ईटीवी भारत)

दरअसल, रक्तदान को लेकर लोगों के जहन में तमाम भ्रांतियां हैं जिसके चलते लोग रक्तदान करने से बचते हैं. ऐसे में लोगों के दिमाग में रक्तदान के प्रति बनी मानसिकता को दूर कर सभी की सहभागिता रक्तदान के प्रति हो इसके लिए जरूरी है कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जाए. हर साल देश में करीब डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत होती है लेकिन लेकिन करीब एक करोड़ यूनिट ब्लड ही ब्लड डोनेशन कैंप और अन्य माध्यमों से उपलब्ध हो पता है.

ब्लड की जरूरत गंभीर स्थितियों में ही पड़ती है खासकर दुर्घटना, सर्जरी समेत अन्य गंभीर बीमारियों के दौरान ही मरीजों को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि मरीज को जब ब्लड की आवश्यकता होती है तो तीमारदार कई ब्लड सेंटर्स के चक्कर काटता है. ब्लड तो मिल जाता है लेकिन उस ब्लड के लिए मुंह मांगी कीमत चुकानी पड़ती है, जबकि ब्लड सेंटर्स, ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर एकत्र करते है. ब्लड की अधिक कीमत होने के चलते अधिकांश परिजन ऐसे होते हैं जो ब्लड नहीं खरीद पाते हैं और मरीज की मौत भी हो जाती है.

इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए और रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए टीम वॉरियर्स उत्तराखंड जैसे संगठनों को बनाया गया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए संगठन अध्यक्ष शिवम बहुगुणा ने बताया कि उनके एक मित्र को ब्लड की जरूरत पड़ी थी, ब्लड उपलब्ध कराने में उनको तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उस समस्या से जूझने के बाद उनके दिमाग में ये ख्याल आया कि इससे रोजाना सैकड़ों लोगों को जूझना पड़ रहा होगा. इसके बाद उन्होंने प्रदेशभर में 1700 वॉरियर्स की एक फौज खड़ी कर दी जो अब जरूरतमंद लोगों को निशुल्क ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं.

हर अस्पताल और ब्लड सेंटर्स पर नंबर उपलब्ध: शिवम बताते हैं कि वो अभी तक 9000 से अधिक लोगों को ब्लड उपलब्ध करवा चुके हैं और भविष्य में भी उनका यह पहल लगातार जारी रहेगा. शिवम ने बताया कि उन्होंने अपनी संस्था को बतौर एनजीओ रजिस्टर्ड नहीं कराया है. हालांकि, लगभग सभी अस्पतालों और ब्लड सेंटरों पर उनका नंबर उपलब्ध है. ऐसे में अगर किसी मरीज को अस्पतालों से ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो वो संबंधित अस्पताल या ब्लड सेंटर से नंबर लेकर उनसे संपर्क कर सकते हैं. मरीज या फिर उसके तीमारदार के संपर्क करने के बाद नजदीकी वॉरियर्स को वहां भेज दिया जाता है, जो मरीज के लिए निशुल्क ब्लड डोनेट कर देता है.

कोविड काल में वसूले गए पैसे: शिवम ने कोविड काल के दौरान की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान कुछ फेक ग्रुप बन गए थे जो ब्लड डोनेट करने के लिए वॉलिंटियर्स भेजने के नाम पर लोगों से पैसे ले रहे थे. हालांकि, जिन लोगों को जरूरत थी और उनके पास पैसे थे, उन लोगों ने पैसे देकर ब्लड लिया. इसकी शिकायत करने के बाद सभी अस्पतालों और ब्लड सेंटर्स में ब्लड के रेट फिक्स कर दिए गए थे ताकि तय रेट से अधिक ब्लड की कीमत मरीजों से नहीं वसूल सकेंगे. हालांकि, कई बार मरीजों से पता चला है कि बड़े अस्पताल ब्लड के लिए मनमानी कीमत वसूलते हैं. जब उन्हें इसकी जानकारी मिलती है तो मरीज को निशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जाता है.

रक्तदान के लिए आगे आएं लोग:विश्व रक्तदाता दिवस पर शिवम बहुगुणा ने कहा कि इस साल उत्तराखंड राज्य में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी हो रही है, जिसके चलते न तो ब्लड डोनेशन कैंप कहीं लगाए जा रहे हैं और न ही लोग ब्लड डोनेट करने के लिए आगे आ रहे हैं. इससे ब्लड केंद्रों में ब्लड की कमी देखी जा रही है. ऐसे में लोगों को आगे आकर ब्लड डोनेट करना चाहिए, क्योंकि ब्लड की खपत लगातार बढ़ती जा रही है.

किसी भी मरीज के लिए रक्त की जरूरत हो तो Team Warriors Uttarakhand के अध्यक्ष शिवम बहुगुणा से 8532916075 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 2:37 PM IST

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