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महासमुंद में शिक्षक की मांग पर तालाबंदी, ट्रांसफर के बाद भी नहीं आईं शिक्षिका - Teacher arrogance

Teacher arrogance महासमुंद के सिनोधा शासकीय स्कूल में तालाबंदी के बाद शिक्षा विभाग की नींद टूटी.शिक्षक की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल में दो शिक्षकों की व्यवस्था की.लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस शिक्षिका को इस स्कूल में ज्वाइन करने का आदेश मिला था,उसका कोई अता पता नहीं है.Government orders in Mahasamund

Teacher arrogance
महासमुंद में शिक्षिका पूरे विभाग पर भारी (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 14, 2024, 3:25 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 6:53 PM IST

महासमुंद :छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग नित नए प्रयास करता है.लेकिन कुछ शिक्षकों के कारण शिक्षा विभाग का प्रयास फेल हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है.ग्रामीणों का आरोप है कि कई शिक्षक राजनीतिक पहुंच के कारण मनमानी करते हैं,तो कई अधिकारियों की शह का फायदा उठाकर सिर्फ सैलरी उठाते हैं.ऐसा ही एक मामला सिनोधा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला से जुड़ा है. जहां पर शिक्षक वापसी की मांग को लेकर छात्रों और पालकों ने स्कूल की गेट पर ताला जड़ दिया.

पालकों और छात्रों ने की तालाबंदी (ETV Bharat Chhattisgarh)
बच्चों ने पढ़ाई बंद करके किया प्रदर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)

आईए जानते हैं क्या है मामला ?: शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सिनोधा के एक शिक्षिका स्वाति चंद्राकर को 2018 से अटैचमेंट में बृजराज पाठशाला महासमुंद में अटैच किया गया है.जबकि शिक्षिका की सैलरी सिनोधा स्कूल से दी जाती है. इस स्कूल में कक्षा छठवीं से आठवीं तक 71 बच्चे हैं. जो एक प्रधानपाठक और एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं.

शिक्षक की मांग को लेकर प्रदर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)

प्रदर्शन के बाद मिले शिक्षक :नियमानुसार देखा जाए तो स्कूल में एक प्रधानपाठक और तीन शिक्षक होने चाहिए. इसी बात से नाराज ग्रामीणों ने शिक्षिका की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में कर दी. शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षिका को वापस मूल स्थान सिनोधा भेजने का आदेश जारी किया.लेकिन शिक्षिका ने अभी तक सिनोधा में अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी. इसी बात से नाराज बच्चों और पालकों ने शिक्षिका को स्कूल में बुलाने की मांग पर तालाबंदी कर दी.जब छात्रों समेत पालकों ने प्रदर्शन किया तो तत्काल दो शिक्षिकों की व्यवस्था स्कूल में हो गई.

डीईओ ने जारी किया था आदेश (ETV Bharat Chhattisgarh)

पूरे मामले पर छात्रों के परिजनों ने बताया कि कलेक्टर जनदर्शन में ध्यानाकर्षण कराने के बाद शिक्षाधिकारी ने शिक्षिका को मूल पदस्थापना पर जाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद भी शिक्षिका नहीं आई. जो शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता है.

''गांव और शहर के स्कूलों के बीच आखिर कब तक ऐसा भेदभाव किया जाता रहेगा.गांव के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और शहर के बच्चों के साथ ज्यादा लाड-प्यार क्यों दिया जाता है यह हमारे समझ से परे है.'' राम कुमार, पालक

वहीं तालाबंदी के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव ने बताया कि हमने शिक्षिका को मूल पद सिनोधा में जाने का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन अभी तक शिक्षिका का कोई आता-पता नहीं है. फिलहाल स्कूल में दो शिक्षकों की व्यवस्था की गई है. इसके बाद नाराज छात्र और परिजन मान गए हैं. वहीं शिक्षिका स्वाति चंद्राकर को शिक्षा विभाग तलब किया गया है.

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Last Updated : Sep 14, 2024, 6:53 PM IST

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