लखनऊ : महोबा जिले में स्थित गोरखगिरि पहाड़ी पर स्थित संत गोरखनाथ की तपोभूमि के विकास की योजना केंद्र सरकार ने बनाई है. मान्यता है कि संत गोरखनाथ इसी स्थान पर अपने शिष्यों के साथ निवास करते थे. केंद्र सरकार की पहल से ग्रेनाइट चट्टानों के लिए प्रसिद्ध इस पर्वत के साथ-साथ रहिलिया सूर्य मंदिर और कीरत सागर झील के आसपास पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इन स्थलों का चयन भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत किया गया है.
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया है कि गोरखगिरि पहाड़ी के ऊपर गुफाएं और झरने मनोरम प्राकृतिक परिदृश्य पेश करते हैं. यहां सुविधाएं विकसित होने के बाद पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग के रोमांच का भी आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा प्राकृतिक परिवेश के बीच शांतिपूर्ण पिकनिक का बेहतर विकल्प साबित होगा. यहां ग्रेनाइट से बना 9वीं शताब्दी का सूर्य मंदिर महोबा के समृद्धशाली इतिहास परिलक्षित करता है. जिसमें कीरत सागर भी शामिल है. कीरत सागर झील को कीर्तिवर्मन ने 1060-1100 ई. के बीच बनवाया था. यह अपने प्रभावशाली ग्रेनाइट तटबंधों के लिए विख्यात है. ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए स्वदेश दर्शन 2.0 का शुभारंभ किया गया है. इसका उद्देश्य पर्यटन और संबद्ध बुनियादी ढांचे, पर्यटन सेवाओं, मानव पूंजी विकास, गंतव्य प्रबंधन और नीति और संस्थागत सुधारों द्वारा समर्थित संवर्धन को कवर करते हुए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है.