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'कहां तुम चले गए', वो खुश मिजाज मुस्कुराता चेहरा, आंखों में आंसू भर देती हैं सुशांत सिंह राजपूत की यादें - SUSHANT DEATH ANNIVERSARY

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 14, 2024, 7:07 AM IST

Updated : Jun 14, 2024, 11:54 AM IST

Sushant Singh Rajput: आज ही के दिन बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत हम सब को छोड़कर चले गए. इनकी मौत के 4 साल हो गए लेकिन आज भी फैन्स के दिलों में बसते हैं. वो मनहूस दिन आज भी याद है, किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि शांत से रहने वाले सुशांत हमेशा के लिए शांत हो जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर.

दिवगंत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत
दिवगंत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Etv Bharat)

सहरसा : हंसता-मुस्कुराता चेहरा. हमेशा खुश दिखने वाला. कभी भी किसी की ना बुराई करने वाला. ऐसा था बिहार का लाल, 'सुशांत'. जिसे लोग सुशांत सिंह राजपूत के नाम से जानते हैं. क्या आपको पता है वे अपने नाम 'सुशांत' को फलीभूत करते थे. हमेशा लोग उसे शांत ही देखते थे. शायद ही कोई मौका आया हो जब सुशांत को किसी ने गुस्से में देखा हो.

मुंबई के फ्लैट शव बरामदः शांत दिखने वाला सुशांत एक दिन हमेशा के लिए शांत हो जाएगा ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा. ना जाने विधि का क्या विधान था? सुशांत हम लोगों को छोड़कर चिर शांति के लिए चला गए. 14 जून 2020 को लोग कैसे भूल सकते हैं जब अचनाक खबर आयी बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह नहीं रहे. पहले तो लोगों को यकीन नहीं हुआ लेकिन मुंबई के फ्लैट से सुशांत का शव बरामद किया गया तो लोग इस घटना से काफी दुखी थे.

आज भी फैन्स के दिलों में हैं सुशांतः मौत कैसे हुई, क्या कारण रहे, जांच कहां तक बढ़ी इन कारणों पर आज हम चर्चा नहीं करेंगे. कहते हैं जब कोई चला जाता है तब उसकी अच्छाइयों को याद कर लोग रोते हैं. आज भी बिहार के लोग अपने लाल को याद कर आंसू बहा रहे हैं. खासकर उनके अपने गांव वाले.

बिहार के रहने वाले थे सुशांतः सुशांत सिंह राजपूत के भतीजे संगम सिंह राजपूत आज भी उस दिन को याद करते हैं जब सुशांत अपने गांव आए थे. बिहार के सहरसा में जब वह अपने गांव पहुंचे तो लोगों की भीड़ लग गई थी. 13 मई 2019 का वह दिन था जब आखिरी बार सुशांत अपने गांव पहुंचे थे. सबसे पहले उन्होंने कुलदेवी की पूजा-अर्चना की थी फिर अपने अंदाज में खेलने निकल गए थे.

2019 में अंतिम बार आए थे गांवः संगम सिंह बताते हैं कि गांव के कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे. सुशांत चाचा वहां पहुंचे और बैटिंग करने लगे. फिल्मी पर्दे पर महेन्द्र सिंह धोनी की भूमिका निभाने वाले हमारे चाचा वैसे ही शॉट लगा रहे थे. बॉल को बाउंड्री के बाहर पहुंचा रहे थे. इस तस्वीर को गांव के युवा अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे. उन्हें क्या पता था, गांव का यह चिराग अब कभी अपने गांव नहीं लौट पाएगा.

छोटे शहर से निकल कर सपना पूरा किएः सुशांत सिंह राजपूत ने इस दौरान मीडियाकर्मियों से भी बात की थी. सभी सवालों का बेवाकी से जवाब भी दिया था. जब उनसे उनके सपने को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि, ''शहर छोटा या बड़ा नहीं होता. सपने पूरे करने की चाहत होनी चाहिए.'' उन्होंने कहा था "लगन ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है."

सुशांत सिंह राजपूत को किसकी नजर लगीः आज सुशांत सिंह राजपूर की मौत के 4 साल बीत गए. आज के दिन सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स और उनके चाहने वाले उन्हें बहुत याद करते हैं. सुशांत सिंह राजपूत बिहार के एक छोटे से जिले से निकल कर अपनी पहचान बॉलीवुड में बनायी थी लेकिन पता नहीं किसकी नजर लगी और वे हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कर दिए.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 11:54 AM IST

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