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महाकुम्भ 2025; जल, थल व नभ से होगी निगरानी, 30 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी होंगे तैनात, चेहरा पहचानने वाले CCTV कैमरे लगेंगे

मेले में जरूरत पड़ने पर सेना से भी ली जाएगी मदद, जांच एजेंसियों की टीमें भी करेंगी निगरानी

प्रयागराज मेला प्राधिकरण
प्रयागराज मेला प्राधिकरण (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 14, 2024, 1:07 PM IST

प्रयागराज :जिले में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुम्भ मेले को लेकर सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था किये जाने पर कार्य चल रहा है कि जल थल के साथ ही नभ में भी पुलिस की निगरानी रहेगी. पूरे महाकुम्भ की सुरक्षा के लिए 30 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा सेना के जवान भी शामिल रहेंगे. इसके साथ ही मेले में एटीएस, एसटीएफ और एनआईए के अलावा दूसरी जांच एजेंसियों की टीमें भी निगरानी करेंगी. इसके साथ ही भारतीय सेना की तरफ से भी जरूरत पड़ने पर मेले में हर प्रकार की मदद की जाएगी.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी व महंत रवींद्र पूरी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

प्रयागराज के महाकुम्भ की सुरक्षा को लेकर सीएम योगी से लेकर साधु संत तक ने चिंता जताई है. सीएम ने सुरक्षा को लेकर एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने को भी कहा है, वहीं साधु संतों ने मांग की है कि मेला क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों का आधार कार्ड चेक किया जाए, जिससे कि कोई भी व्यक्ति पहचान छिपाकर मेले में प्रवेश न कर सके. साथ ही उन्होंने साधु संतों की भी जांच किए जाने की मांग उठाई है, जिसको देखते हुए मेले की सुरक्षा व्यवस्था को और भी चाक चौबंद करने की तैयारी कर ली है.

सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही खुफिया एजेंसियों की टीम भी होगी तैनात :कुम्भ मेला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में ऐसी चाक चौबंद व्यवस्था की जाएगी जिससे कि कहीं पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके. जिसके लिए पूरे मेला क्षेत्र में 30 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. इसके अलावा पीएसी और होमगार्ड्स के जवान भी तैनात किए जाएंगे. यही नहीं मेला क्षेत्र में एटीएस, एनआईए, यूपी एसटीएफ के साथ ही देश की दूसरी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की टीम भी महाकुम्भ मेले की निगरानी दिन रात करेंगी. यही नहीं मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरफ की टीमें भी तैनात रहेंगी. इसके अलावा सेना की तरफ से भी महाकुम्भ मेले में सुरक्षा से लेकर अन्य व्यवस्थाओं तक में पूरा सहयोग किया जाता है. यही कारण है कि महाकुम्भ की मीटिंग से लेकर हर स्तर की तैयारियों में पुलिस प्रशासनिक अफसरों के साथ ही सेना के अधिकारी भी शामिल रहते हैं.

चेहरे पहचानने वाले लगेंगे सीसीटीवी कैमरे :कुम्भ मेला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि पूरे महाकुम्भ मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त चेहरे पहचानने वाले अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में लगाए जाएंगे. जिसके जरिये मेला क्षेत्र में किसी भी मार्ग से प्रवेश करने वाले व्यक्ति के चेहरे उस कैमरे में कैद हो जाएंगे. महाकुम्भ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों के साथ ही मेला क्षेत्र से बाहर जाने वाले हर रास्ते पर भी यह कैमरे लगाए जाएंगे. इसके साथ ही मेला के सभी प्रमुख चौराहों और सड़कों के साथ ही स्नान घाटों के नजदीक भी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी. यही नहीं मेला क्षेत्र में बनाये जाने वाले वाच टॉवर पर भी एआई आधारित इन्हीं कैमरों से निगरानी की जाएगी. इन कैमरों की मदद से मेला क्षेत्र में घुसने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की भी धरपकड़ की जा सकती है.

एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ एआई की लेंगे मदद :उन्होंने बताया किसीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ मेला की समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को निर्देश दिया है कि जिस तरह से राम मंदिर की उद्घाटन समारोह के दौरान अयोध्या में एंटी ड्रोन सिस्टम लागू किया गया था उसी तरह की व्यवस्था महाकुम्भ मेला के दौरान भी की जाए. जिससे कि मेला क्षेत्र में बिना प्रशासन की इजाजत के ड्रोन कोई व्यक्ति न उड़ा सके. एंटी ड्रोन सिस्टम लागू करने के साथ ही एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाए जिससे की अवैध रूप से कोई ड्रोन उड़ाकर मेले में किसी प्रकार की गड़बड़ी न कर सके.

पुलिस करेगी कड़ी निगरानी :उन्होंने बताया कि महाकुम्भ मेला में जमीन और आसमान के अलावा जल में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. जिसके लिए गंगा यमुना में जल पुलिस के अलावा पीएसी के जवान और प्राइवेट गोताखोरों को भी तैनात किया जाएगा. यही नहीं पानी के अंदर अंडर वाटर ड्रोन की मदद ली जाएगी. मेले के दौरान गंगा यमुना के त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाते समय अगर कोई श्रद्धालु गलती से गहरे पानी में डूब गया तो उसकी तलाश अंडर वाटर ड्रोन से की जाएगी. अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार इस तरह की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही मेला में घाटों की संख्या बढ़ने के कारण गंगा में आठ किलोमीटर तक डीप वाटर बैरिकेडिंग की जाएगी.

मेले के दौरान तैनात की जाएगी वाटर स्कूटर ब्रिगेड :गंगा यमुना में इस महाकुंभ में वाटर स्कूटर भी दौड़ती हुई नजर आएगी. नदी के अंदर जहां अंडर वाटर ड्रोन की तैनाती होगी वहीं नदी के सतह पर निगरानी और श्रद्धालुओं की मदद के लिए वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात की जाएगी. डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक, वाटर स्कूटर ब्रिगेड 25 वाटर स्कूटर से लैस होंगे, जो कभी भी जरूरत पड़ने पर नदी में तुरंत मदद के लिए मौके पर पहुंच जाएंगे, हालांकि उन्होंने यह भी कहाकि अंडर वाटर ड्रोन और वाटर स्कूटर की खरीद के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया चल रही है.

महाकुंभ 2019 के मुकाबले दोगुनी तैनात होगी फोर्स :महाकुम्भ 2019 के दौरान मेला क्षेत्र में 21 हजार 945 पुलिस वाले तैनात हुए थे. इसके साथ ही पीएसी के 3 हजार जवान और 8 हजार अर्धसैनिक बल तैनात हुए थे, जबकि इस बार 2025 के महाकुंभ मेले में पुलिस वालों की संख्या बढ़ाकर 30 हजार से अधिक कर दी गई है. इसी तरह से पीएसी और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती के बाद सुरक्षा बलों की कुल संख्या 50 हजार तक पहुंच सकती है, हालांकि पूरे मेला क्षेत्र में तैनात होने वाले सुरक्षा बलों की कुल संख्या मेला शुरू होने तक 50 हजार तक या उससे ज्यादा भी हो सकती है.

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