बिलासपुर:सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा कि ''आम लोगों के लिए न्याय सरल, सस्ता और सुलभ होना चाहिए. हम सबकी जिम्मेदारी है कि न्याय व्यवस्था में लोगों की आस्था बरकरार रहे. इसकी शुरूआत जिला कोर्ट से होती है इसलिए निचली अदालतों को अधिक गंभीर और जिम्मेदार होना होगा. निचली अदालतों में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही काम करने का बेहतर माहौल भी होना चाहिए. जिला जजों के साथ ही वहां काम करने वाले ज्यूडिशियरी के कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है.''
'न्याय सरल, सस्ता और सुलभ होना चाहिए':जस्टिस गवई हाईकोर्ट में आयोजित राज्य स्तरीय कांफ्रेस में शामिल होने पहुंचे थे. बिलासपुर हाईकोर्ट परिसर में रविवार को न्यायिक अधिकारियों की राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के तीन माननीय जज शामिल हुए. सुबह दस बजे राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण और हाईकोर्ट की ओर से आयोजित इस कांफ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बी आर गवई विशेष रूप से आयोजन में मौजूद रहे. कांफ्रेंस मे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा समेत अन्य जज और बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ की तारीफ: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस श्री गवई ने अपने स्पीच में कहा कि ''फैसला देने वाले एक जज को जानकार, जागरूक, सजग, गंभीर और संवेदनशील होना भी जरूरी है''. छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्धि और यहां के विकास की तारीफ करते हुए कहा कि ''तमाम चुनौतियों के बाद भी राज्य बनने के 24 सालों में ही यह प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा है. छत्तीसगढ़ एक माडल के रूप में अपने आप को पेश कर रहा है''. बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात और बस्तर आर्ट के विश्व पटल पर पहुंचने की भी तारीफ की.