राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

जयपुर बम ब्लास्ट प्रकरण: जिंदा बम मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत, तीन माह में सुनवाई पूरी करने के आदेश - JAIPUR BOMB BLAST CASE - JAIPUR BOMB BLAST CASE

सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के जिंदा बम प्रकरण में एक नाबालिग को जमानत देने का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इसके साथ ही नाबालिग पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं. यदि नाबालिग ने इन शर्तों का उल्लंधन किया तो उसकी जमानत वापस कैंसिल हो सकती है.

Supreme Court grants bail to minor in Jaipur live bomb case
जिंदा बम प्रकरण में नाबालिग को जमानत(फाइल फोटो: सुप्रीम कोर्ट) (photo etv bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 14, 2024, 1:17 PM IST

जयपुर.सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे नाबालिग आरोपी को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अदालत ने मामले की सुनवाई कर रहे किशोर न्याय बोर्ड को प्रकरण की सुनवाई तीन माह में पूरी करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि कानून के अनुसार किसी भी किशोर आरोपी को तीन साल से अधिक की सजा नहीं दी जा सकती. इस आधार पर ही आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया है. एएजी शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को रोजाना सुबह दस बजे 12 बजे तक एटीएस कार्यालय में उपस्थिति देने, जेल अधिकारियों को पासपोर्ट जमा कराने, बिना अनुमति विदेश यात्रा नहीं करने और किसी भी गैर कानूनी संगठन में शामिल नहीं होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि नाबालिग किसी भी निषिद्ध गतिविधि में शामिल हुआ या संबंधित व्यक्तियों से संपर्क करने किया तो उसे पुनः गिरफ्तार किया जा सकता है.

पढ़ें: 'किसी को परवाह नहीं...', ठोस कचरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने MCD को लगाई फटकार

जमानत याचिका में कहा गया था कि उसे जयपुर ब्लास्ट के मुख्य केस में बरी कर दिया था. इसके अलावा वह घटना के समय 16 साल और तीन माह की उम्र का था. वह वर्ष 2019 से जिंदा बम प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है, जबकि कानूनन किसी भी नाबालिग आरोपी को तीन साल से अधिक की सजा नहीं हो सकती है. जमानत का विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शर्मा ने कहा कि युवक पर गंभीर आरोप है. ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए. वहीं एएजी की ओर से जमानत देने पर आरोपी पर कुछ शर्त लगाने को कहा. इस पर अदालत ने इन शर्तों के साथ आरोपी को जमानत पर रिहा करने को कहा. एएजी ने बताया कि अहमदाबाद और सूरत धमाकों में लिप्तता के कारण वह फिलहाल जेल में ही रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details