रायपुर: वैदिक पंचांग के मुताबिक जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो ये समय खरमास कहलाता है. साल में दो बार खरमास लगता है. साल 2024 में 14 मार्च यानी गुरुवार को दोपहर 12:23 पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. मीन संक्रांति के साथ ही खरमास भी आरंभ हो रहा है. जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा. इसे मलमास भी कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है.
जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि खरमास के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि, "ग्रहों के राजा सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही खरमास का आरंभ हो जाएगा. 13 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद खरमास खत्म हो जाएगा. खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है. जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं. ऐसे समय में गुरु काफी कमजोर माना जाता है. इस समय शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता. इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता. इसके साथ ही गृह प्रवेश, मुंडन के साथ ही 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है. इस दौरान कोई भी जातक नया बिजनेस, नया कार्य या फिर नया दुकान भी शुरू नहीं कर सकता."