शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि राज्य की ट्रेजरी में ओवरड्राफ्ट की नौबत नहीं आई है और राज्य की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक है. वहीं, इस दावे के विपरीत कांग्रेस सरकार ने पिछले दो महीनों में 1300 करोड़ रुपये कर्ज ले लिया है. अब दिसंबर माह तक राज्य सरकार के पास सिर्फ 1017 करोड़ रुपये की ही लोन लिमिट बाकी बची है. आंकड़े बताते हैं कि सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक राज्य सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन ले लिया है. हालांकि 31 अगस्त तक इस लोन में से 5864 करोड़ रुपये वापस किए गए हैं. यही नहीं, इस अवधि में जीपीएफ के अगेंस्ट भी 2810 करोड़ रुपये कर्ज लिया गया है. सरकार ने अभी 600 करोड़ रुपये लोन लिया है.
इससे पहले सितंबर महीने में सरकार ने 700 करोड़ रुपये का लोन लिया था. यानी दो महीने में 1300 करोड़ रुपये कर्ज लिया. इससे पहले खुद सुखविंदर सरकार ने विधानसभा के मानसून सेशन में कर्ज का ब्यौरा दिया था.
विधानसभा में पेश किए थे आंकड़े
हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में राज्य सरकार ने एक सवाल के जवाब में कर्ज को लेकर आंकड़े जारी किए थे. उन आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया.
ये आंकड़ा 31 जुलाई 2024 तक का था फिर सितंबर में 700 करोड़ व अक्टूबर में 600 करोड़ रुपये का लोन लिया गया है. हिमाचल सरकार ने 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक कुल 21 हजार 366 करोड़ रुपये का लोन लिया. इस दौरान सरकार ने 5864 करोड़ रुपये का कर्ज वापस किया.
कर्ज के आंकड़ों का का ब्रेक अपवित्त वर्ष 2022-2023 में आखिरी तिमाही यानी 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक राज्य सरकार ने 6897 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. इस अवधि में 1097 करोड़ रुपये का कर्ज वापस भी किया गया.