शिमला:हिमाचल में गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई. शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय में छह घंटे तक चली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इस मीटिंग में सबसे पहले पिछले दो वर्षों के दौरान राज्य में विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में प्रदेशवासियों के सहयोग और कांग्रेस हाईकमान के अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया. मंत्रिमंडल ने बिलासपुर में आयोजित दो वर्ष के समारोह के सफल आयोजन के लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया.
आपदा प्रभावितों को घर बनाने को मिलेंगे 7 लाख
सुक्खू कैबिनेट मीटिंग में शिमला जिले के समेज व रामपुर, कुल्लू जिले के जाओं-बागीपुल, निरमंड और मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया. इस पैकेज के अंतर्गत पिछले वर्ष की तरह प्रभावित परिवारों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजा राशि को 1.5 लाख रुपये बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया जाएगा.
विभिन्न विभागों में भरे जाएंगे इतने पद
मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए 20 से 30 वर्ष की आयु सीमा तय करने के मापदंड को मंजूरी प्रदान की. सैनिक कल्याण विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 26 पद भरने, शिक्षा विभाग में पंजाबी भाषा के 17 अध्यापकों तथा उर्दू भाषा के 14 अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने को भी मंजूरी दी गई. मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में किसी भी संस्थान में अल्पकालिक रिक्तियों के कारण उत्पन्न होने वाले अंतराल को भरने के लिए प्रति घंटा आधार पर अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की. बैठक में मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों के अनुसार सीधी भर्ती में एसएमसी अध्यापकों (पीजीटी/डीपीई) के लिए पांच फीसदी एलडीआर कोटा शामिल करने को मंजूरी प्रदान की गई, जिसे शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में शामिल किया जाएगा.
928 जलवाहक होंगे रेगुलर
शिक्षा विभाग में 11 वर्ष की दैनिक एवं अंशकालिक सेवा पूरी कर चुके लगभग 928 अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर नियमित करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, नर्सरी कक्षा एवं कक्षा-1 में दाखिले के लिए आयु सीमा को राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली-2020 के तहत लागू करने का निर्णय लिया गया है. मंत्रिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व में होम स्टे के संचालन पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम-2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया. नए प्रावधानों के अनुसार हिमाचलियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकायों या किसी अन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उचित मल निकासी और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे. इसके अलावा, होम स्टे इकाइयों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा. बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जल विद्युत क्षेत्र पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई. इन प्रावधानों के अन्तर्गत सरकार 25 मेगावाट तक की उन परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक नीति का आकलन और निर्माण करेगी, जिनमें कोई प्रगति नहीं हुई है. वर्तमान में प्रदेश में इस तरह की 700 से अधिक रूकी हुई परियोजनाएं हैं.
वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 को मंजूरी प्रदान की. इसके तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये कि वित्तीय सहायता दी जाएगी. मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना-2023 के अन्तर्गत गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने को स्वीकृति प्रदान की. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दक्षता बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक रूप से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के मध्य नर्सिंग, पैरामैडिकल, मिनिस्ट्रियल और गैर-मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के सामान्य कैडर के विभाजन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की. इन कर्मचारियों को अपने पसंदीदा कैडर का चयन करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा.