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मोटर मैकेनिक पिता के बेटे प्रीतेश सिंह राजपूत की सक्सेस स्टोरी, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में किया कमाल - UPSC Civil Services Exam

मुंगेली में लोरमी के लाल प्रीतेश सिंह राजपूत ने यूपीएससी परीक्षा को पास कर जिले का नाम रौशन किया है. उनके पिता मोटर मैकेनिक हैं लेकिन बेटे ने देश की सर्वोच्च परीक्षा को पास कर उनका मान बढ़ाया है. पढ़िए प्रीतेश सिंह राजपूत की सक्सेस स्टोरी

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 17, 2024, 10:22 PM IST

मुंगेली: यूपीएससी 2023 में छत्तीसगढ़ से लगातार कई सक्सेस स्टोरी निकलकर सामने आ रही है. मुंगेली में लोरमी के लाल प्रीतेश सिंह राजपूत ने इस परीक्षा को पास कर पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है. अभी प्रीतेश सिंह राजपूत छत्तीसगढ़ शासन में डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात हैं. वह मनेंद्रगढ़ में डिप्टी कलेक्टर के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन उनकी सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक है.

गांव से पढ़े लेकिन लगातार होते रहे सफल: प्रीतेश सिंह राजपूत की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी लेकिन उन्होंने लगातार अपनी काबलियत का लोहा पढ़ाई में मनवाया. पहली से पांचवीं तक करी पढ़ाई उन्होंने लोरमी के शासकीय स्कूल में की है. उसके बाद 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने लोरमी के झापल स्थित महाराणा प्रताप स्कूल से की. जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह रायपुर गए. यहां उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय से बीटेक की पढ़ाई पूरी की. मैथ्स बैक ग्राउंड से होने की वजह से प्रीतेश ने इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय में बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. यहां 4 साल पढ़ाई करने के बाद बिलासपुर आकर वह सिविल सेवा की तैयारियों में जुट गए.

सीजीपीएससी में पहले प्रयास में पाई सफलता: प्रीतेश सिंह राजपूत ने सीजीपीएससी परीक्षा देने की ठानी. उसके बाद उन्होंने पहले प्रयास में सफलता हासिल की. इस परीक्षा में उन्होंने 94वीं रैंक लाकर खाद्य अधिकारी का पद प्राप्त किया.

2020 में डिप्टी कलेक्टर बने: प्रीतेश सिंह राजपूत साल 2020 में सीपीएससी का रिजल्ट भी क्लीयर किया.उन्होंने 17वीं रैंक हासिल कर वे डिप्टी कलेक्टर बने. वह वर्तमान

दूसरे प्रयास में यूपीएससी किया क्रैक: दूसरे प्रयास में प्रीतेश सिंह राजपूत ने यूपीएससी की पढ़ाई पूरी की. इससे पहले उनके फर्स्ट अटैम्प्ट में वह सफल नहीं हो पाए थे. प्रीतेश ने बताया कि सिविल सेवा में आने के लिए उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा था. लेकिन इस बार रैंक कम आने की वजह से आईएएस नहीं बन पाए. ऐसे में आईएएस बनने के लिए वे आगे भी तैयारी करते रहेंगे.

मुंगेली के लोगों ने दी शुभकामनाएं: प्रीतेश सिंह राजपूत की इस सफलता पर उनके सगे संबधी काफी खुश हैं. लोरमी में लोग उनको बधाई दे रहे हैं. प्रीतेश तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. परिवार के अन्य सदस्य भी उनकी इस सफलता पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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