कुरुक्षेत्र: इन दिनों लोगों की थाली से ऑर्गेनिक सब्जियां लगभग खत्म हो चुकी है. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो आज के दौर में भी किचन गार्डनिंग करके आर्गेनिक सब्जियों को उगाकर खाते हैं. ऐसे लोगों में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ अपने लिए ही किचन गार्डनिंग करते हैं. हालांकि कुछ लोग अपने साथ-साथ आस-पास के लोगों के लिए भी किचन गार्डनिंग करते हैं. तो कई लोग किचन गार्डनिंग में कीर्तिमान स्थापित कर लेते हैं.
कुरुक्षेत्र के किसान ने रचा इतिहास: ऐसे लोगों में रणधीर सिंह भी हैं. रणधीर सिंह पिछले कई दशक से किचन गार्डनिंग कर रहे हैं. इन्होंने अब तक किचन गार्डनिंग में लगभग 35 तरह की सब्जियां उगाई है. किचन गार्डन के जरिए रणधीर ने 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. वो ऑर्गेनिक तरीके से खेती करते हैं. किचन गार्डनिंग को ऑर्गेनिक तरीके से करने के चलते भारत में सबसे पहले रणधीर को ऑर्गेनिक खेती करने का राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. खास बात यह है कि रणधीर ने ये सारे कीर्तिमान ऑर्गेनिक खेती करके स्थापित किया है.
साल 1992 में शुरू किया किचन गार्डनिंग: ईटीवी भारत ने किसान रणधीर सिंह से बातचीत की. उन्होंने बताया, "मैं पहले कैथल के जाजनपुर गांव में रहता था. वहां स्कूल टाइम से ही मुझे खेती करना पसंद था. थोड़ी बहुत पढ़ाई के बाद मैंने खेती का रूख किया. साल 1972 में अपनी पुश्तैनी जमीन पर मैंने खेती करनी शुरू कर दी, लेकिन बच्चे बड़े होने के बाद जब मैं नौकरी के लिए कैथल छोड़कर कुरुक्षेत्र में रहने लगा तो मुझे थोड़ी दिक्कत हुई. खरीदकर जो सब्जियां आती थी, उसे खाकर मुझे उल्टी होने लगी. इसके बाद मैंने मन बना लिया था कि अब खुद ही प्राकृतिक तरीके से ऑर्गेनिक खेती करूंगा. खुद भी स्वस्थ रहूंगा और अपने परिवार को भी स्वस्थ रखूंगा."
"साल 1992 में अपने घर के बाहर मैंने किचन गार्डनिंग शुरू की. वो भी बिल्कुल ऑर्गेनिक तरीके से. किचन गार्डन में इतनी मेहनत की कि वहां पर लगाई गई फसल पूरे भारत में मशहूर हो गई. अब मेरा मकसद है कि भारत के और भी किसान ऑर्गेनिक तरीके से खेती करें. जैसे ही नए-नए प्रयोग करके उन्होंने किचन गार्डन में ही कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, ऐसे ही अन्य किसान भी खेती करके उसको मुनाफे का सौदा बनाएं और थोड़ी ही जगह में अच्छा मुनाफा ले." -रणधीर सिंह, किसान
किचन गार्डन में उगाते हैं 35 तरह की सब्जियां:किसान रणधीर सिंह ने आगे कहा, "मैंने छोटे स्तर पर किचन गार्डनिंग शुरू किया था. अब हमारे पास एक समय में आलू, रतालू, टमाटर, गोभी, गिया, मटर, बंद गोभी, ब्रोकली ,लहसुन ,प्याज ,लौकी, पालक , मेथी, नींबू, चुकंदर ,मूली, गाजर, धनिया, तोरी सहित करीब 35 तरह की सब्जियां हैं. इसके साथ ही मैंने कई तरह के जड़ी-बूटी भी लगा रखे हैं. इसमें भी मुझे अवॉर्ड मिल चुका है. जो कि ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है. इतना ही नहीं सब्जियों के साथ-साथ गन्ना और कई प्रकार के फल भी लगाए हुए हैं. यह फल और अन्य फसलें भी ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए गए हैं, जो कि खाने में स्वादिष्ट भी होते ही हैं. साथ ही उसकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है. हालांकि अब उनकी उम्र भी काफी अधिक हो गई है. बावजूद इसके मैं किचन गार्डनिंग कर रहा हूं. मैं दूसरे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करता हूं, ताकि वो शुद्ध सब्जी खाकर स्वस्थ्य रहें."
16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज:किसान रणधीर सिंह किचन गार्डन में लगाई गई सब्जी और अन्य फसलों में नवाचार के लिए 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है.