सरगुजा :अंबिकापुर में एक ऐसी महिला रहती हैं वो दूसरी महिलाओं के लिए आज मिसाल बन चुकी है.महिला ने हिम्मत ना हारते हुए वो कारनामा कर दिखाया है जो पुरुषों के लिए भी मुश्किल काम है.महिला ने गाय पालन जैसे काम को करने के बाद मुनाफा कमाया.यही नहीं अपने परिवार समेत दूसरे सगे संबंधियों की भी आर्थिक मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएं.
दूध बेचकर खुद को बनाया आत्मनिर्भर : हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उनका नाम है चंचला राय.चंचला सरगुजा जिले के सरगंवा ग्राम पंचायत में रहती हैं.जिन्होंने वो कारनामा कर दिखाया है.जो किसी दूसरे के लिए आसान नहीं है.महिला होते हुए भी चंचला ने अपने परिवार समेत रिश्तेदारों की जिम्मेदारी उठाई. चंचला को इस काबिल बनाने में जिसका हाथ है वो हैं गौ माता. गौमाता के दूध को बेचकर ही चंचला ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की है.
15 साल पहले शुरु किया गाय पालन :चंचला ने आज से पंद्रह साल पहले गाय पालन शुरु किया था. शुरुआत में चंचला को दूध बेचने से ज्यादा आमदनी नहीं मिलती थी.जिसके कारण चंचला को दूध का व्यवसाय करने में नुकसान होता था.चंचला की माने तो वो लोकल लोगों के घर में दूध सप्लाई करती थीं.लेकिन दूध सप्लाई करने के बाद कई लोग ऐसे होते थे,जो दूध का पैसा नहीं देते थे.जिससे दूध बेचने पर किसी तरह का मुनाफा नहीं होता था.
कैसे बदली किस्मत ?:2014 में चंचला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला समूह से जुड़ीं. इस समूह से जुड़ने के बाद चंचला के दूध के बिजनेस को माने पंख मिल गए.लाभ कमाने का सफर एक बार शुरु हुआ तो वो आज तक जारी है. चंचला ने दूध की कमाई से ही बेटे को एनआईटी रायपुर से पीएचडी की पढ़ाई कराई.साथ ही साथ बेटी को डिग्री पूरी करवाई. चंचला के पति किराना व्यवसायी हैं.लेकिन घर की जरूरत दूध बेचकर आए पैसों से पूरी हो जाती है.चंचला ने अपने जेठ के बच्चों को भी दूध के पैसों से ही पढ़ाया.