भरतपुर.छात्रसंघ चुनाव एवं लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना पर विचार विमर्श के लिए 12 अगस्त 2023 को जयपुर में बैठक आयोजित हुई. बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के पदाधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे. बैठक में राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष एवं कुलपतियों ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को लागू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. एकेडमिक बैंक का क्रेडिट में छात्रों का पंजीकरण, सेमेस्टर व्यवस्था लागू करना, इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान, नैक द्वारा प्रत्यायन एवं शिक्षा की गुणवत्ता आदि कार्य प्रगति पर हैं.
विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी, नवीन महाविद्यालयों के खोले जाने, प्रवेश प्रक्रिया में विलम्ब के कारण 180 दिन अध्यापन कार्य करना चुनौती पूर्ण कार्य है. उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 75 फ़ीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता है. इन सभी बिंदुओं को लेकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने सत्र 2023-24 में छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का अभिमत व्यक्त किया.
सरकार नहीं कराना चाहती छात्रसंघ चुनाव : असल में जयपुर में हुई कुलपतियों और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में एक सत्र के लिए चुनाव नहीं कराने की मंशा व्यक्त की गई थी, लेकिन अब नया सत्र शुरू होने के बाद भी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. इस संबंध में जब महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र से बात की तो उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्र संघ चुनाव है ही नहीं. सरकार ने इस साल भी छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है. इस संबंध में हमें सरकार की ओर से मौखिक रूप से मना कर दिया गया है.