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मसूरी में सड़कों पर उतरे पटरी व्यापारी, सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप - Street traders protest in mussoorie

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 11, 2024, 4:35 PM IST

Street traders protest in mussoorie मसूरी में पटरी व्यापारियों ने धामी सरकार और क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ सड़कों पर उतरकर धरना- प्रदर्शन किया. इसी बीच उन्होंने अनदेखी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनको माल रोड पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाती, तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

Street traders protest in mussoorie
मसूरी में सड़कों पर उतरे पटरी व्यापारी (photo- ETV Bharat)

मसूरी: माल रोड के पटरी व्यापारियों ने प्रशासन द्वारा हटाए जाने के बाद पटरी व्यापारियों द्वारा मसूरी के शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर पटरी व्यापारियों ने प्रदेश सरकार, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि आज पटरी व्यापारी रोजी-रोटी के लिए तरस रहा है, लेकिन कोई भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मसूरी नगर पालिका प्रशासन द्वारा उनको सीजन के समय पर कई सालों से मालरोड के किनारे लगा रहे पटरी से हटा दिया गया है, जिससे उन पर रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा पूर्व में पटरी व्यापारियों को व्यापार करने को लेकर ₹50 हजार का लोन भी दिया गया था, लेकिन आज वह लोन कैसे चुकाएंगे यह उनको समझ में नहीं आ रहा है, क्योंकि उनके पास कोई रोजगार नहीं है.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी द्वारा वेंडर जोन बनाए जाने को लेकर तो बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन धरातल पर भी कुछ नजर नहीं आ रहा है. वहीं पूर्व में कई राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारी द्वारा उनसे बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन सारे वादे धराशाही हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनके रोजगार के लिए ठोस प्रबंधन करना चाहिए, जिससे वह अपनी रोजी रोटी चलाकर अपने बच्चों का भरण-पोषण कर सकें. मसूरी के माल रोड पर पटरी लगाने वाले लोग स्थाई निवासी हैं.

मजदूर संघ मसूरी के महामंत्री संजय टम्टा ने कहा कि जो काफी सालों से माल रोड पर पटरी लगाकर अपने बच्चों का पालन पोषण करते थे, आज वह काफी परेशान हैं. ऐसे में अगर जल्द सरकार द्वारा पटरी व्यापारियों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है और उनको माल रोड पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाती, तो वह इसको लेकर उग्र आंदोलन करेंगे. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

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