धमतरी :इंसान के जीवन में काफी उतार चढ़ाव आते हैं. शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसका जीवन एक जैसी पटरी पर दौड़ रहा हो.जीवन में कभी खुशियों की बारिश तो कभी गम की धूप छांव का समावेश बना रहता है.मुश्किल वक्त में कई लोग बिखर जाते हैं.लेकिन कुछ लोग धमतरी की हशमीत कौर की तरह होते हैं.जिनके इरादें चट्टान की तरह मजबूत हैं. हशमीत कौर पेशे से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं.लेकिन वेट लिफ्टिंग इनका शौक है. पति के छोड़ने के बाद हशमीत जीवन की हर तकलीफ का सामना अकेले करते आ रहीं हैं. इस तकलीफ को थोड़ा और बढ़ाने का काम एक बीमारी ने किया.इस बीमारी का नाम है कैंसर.जी हां ठीक सुना आपने हशमीत कौर को कैंसर हैं.बावजूद इसके वो बीमारी से जंग हारने के बजाए इससे रोजाना दो दो हाथ कर रहीं हैं.
कौन हैं हशमीत कौर ? :धमतरी के अधारी नवागांव में हशमीत अपने बेटे के साथ रहती हैं.बचपन से ही हशमीत का झुकाव खेलों की तरफ था.वेट लिफ्टिंग और पावर लिफ्टिंग को हशमीत ज्यादा समय देती थी.लेकिन उनकी जीवन में जब भी खुशियां आईं तो वो ज्यादा समय ना टिक सकी.शादी के साल भर बाद हशमीत का साथ पति ने छोड़ दिया. गोद में एक बच्चा लिए हशमीत अकेली रह गई.बच्चे की परवरिश के लिए हशमीत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनीं.इस दौरान हशमीत ने खेल की प्रैक्टिस जारी रखी.यही नहीं दूसरी बच्चियों को भी कोचिंग देकर तैयार किया. 2017 से हशमीत ने वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरु किया.हशमीत ने 8 नेशनल चैंपियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल, 2 बार सिल्वर मेडल और 1 बार ब्रांज मेडल जीता है.
खेल और नौकरी के बीच आई बीमारी :दुखों का सामना करने के बादहशमीत के जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था. तभी वो साल 2023 में बीमार रहने लगी.इस दौरान हशमीत को पता चला कि उसे ब्रेस्ट और स्पाइन कॉर्ड में सेकंड स्टेज का कैंसर है.इसके बाद जहां दूसरे लोग हिम्मत हार जाते वहीं हशमीत ने हिम्मत नहीं हारी.हशमीत की पिछले एक साल में 11 कीमोथेरेपी हो चुकी है.इस दौरान उन्हें आर्थिक संकट ने घेरा है.बच्चे की परवरिश का जिम्मा भी हशमीत के सिर पर है.फिर भी हशमीत अपने नाम के मुताबिक हंसते हुए इस बीमारी का सामना कर रहीं हैं.