गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड स्थित भितभेरवा गांव में रहने वाले एक सेवानिवृत्त सैनिक हरि सिंहने मानवता की एक अद्भुत मिसाल पेश की है. पशु-पक्षियों के प्रति गहरे लगाव के चलते, उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा इन बेजुबानों की सेवा में समर्पित कर दिया है. यह सेवानिवृत्त सैनिक अपनी पेंशन का आधा हिस्सा इन बेजुबान प्राणियों के भोजन पर खर्च करता है. वो अपने घर के आसपास पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी और खाने का इंतजाम करके रखते है.
बेजुबानों से है अगाध प्रेम: दरअसल कई लोग पशु पक्षियों से अगाध प्रेम कर उन्हें अपने घर के सदस्यों की तरह मानते हैं, उनकी दिल से फिक्र करते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है गोपालगंज के रिटायर्ड फौजी हरि सिंह की. हरि सिंह जितना प्रेम अपने बच्चों और परिवार से करते हैं, उतना ही पशु और पक्षियों से भी करते है. नौकरी के दौरान शुरू किए गए इस कार्य को सेवानिवृति के बाद भी वह बखूबी निभा रहे हैं. हरि सिंह के साथ 1974 में घटी घटना ने उन्हें विचलित कर दिया और उसके बाद उनका ध्यान उन बेजुबानों की तरफ आ गया.
रिटायर होने के बाद भी जारी रहा सिलसिला: हरि सिंह देश की सेवा के लिए 1982 में पारा मिलिट्री फोर्स में शामिल हुए. वो फौज में रहते हुए पशु-पक्षियों की सेवा में मनोयोग से जुट गए. उन्होंने झारखंड के धनबाद से नौकरी शुरू की और साल 2017 में दिल्ली सीआईएसएफ पारा मिलिट्री से रिटायर हुए. इसके बाद घर पर भी उनका यह सेवा कार्य चलता रहा, वो अपने पेंशन से बेजुबान जानवरों को खाना खिलाते हैं.
ड्यूटी परबेजुबानों को खिलाते हैं खाना: रिटायर होने के बाद गुजारे के लिए मिलने वाली पेंशन की आधी राशि वो पशु-पक्षियों के भोजन में खर्च करने लगे. इसे लेकर 62 वर्षीय हरि सिंह बताते हैं कि नौकरी के दौरान और नौकरी के बाद भी यह सेवा चलती रही. 7 दिसंबर 2022 को उन्होंने सदर अस्पताल में बतौर गार्ड की नौकरी शुरू की. इसके बाद भी उनका नेक कार्य छूटा नहीं और वह ड्यूटी के दौरान भी बेजुबान कुत्तों को बिस्किट खिलाकर प्यार करते हुए नजर आते हैं.
परिवार का मिलता है भरपूर सहयोग: हरि सिंह के तीन बेटे हैं, दो बेटा एयरफोर्स में बतौर सर्जेन्ट है, जबकि तीसरा बेटा जिले के डीएवी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत है. उनके इस कार्य में पत्नी पासपती समेत परिवार का भरपूर सहयोग मिलता है. आज तक किसी ने भी उनके इस कार्य पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया है.