चंडीगढ़:हरियाणा में बीजेपी की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद करीब दर्जन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. टिकट कटने वाले नेताओं में से एक राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि भी हैं. जो बवानीखेड़ा आरक्षित सीट से विधायक हैं. उन से ईटीवी भारत की टीम ने टिकट कटने के मुद्दे पर खास बातचीत की. उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है.
'पाक साफ व्यक्ति हूं': विशंभर वाल्मीकि की टिकट आखिर क्यों काटी गई, क्या उन्हें इस बात की उम्मीद थी? इस पर वे कहते हैं कि इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. ऐसी उम्मीद तब रखी जाती है, जब विधायक रहते या मंत्री रहते कोई गलत काम किया हो. अगर गलत काम किया हो तो तो इस बात का अंदेशा रहता है की टिकट कट सकती है. लेकिन मैं बिल्कुल पाक साफ हूं, मैंने किसी का एक कप चाय तक नहीं पिया. सब लोग जानते हैं, जनता जानती है.
'गलत फैसले का करूंगा विरोध': उन्होंने कहा कि सूची में मेरा नाम ना आना, सूची के जारी होने के 1 दिन पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से कुछ लोगों की मुलाकात करना है. मनोहर लाल ने उनको लड्डू भी खिलाए और बांटने के लिए भी कहा. बताने वाले बता रहे हैं कि उनकी टिकट की कन्फर्मेशन भी उनको दी गई. अगले दिन मेरी टिकट कट जाना कहीं ना कहीं दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हालांकि मैं इस बात से नाराज नहीं हूं, मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं सिपाही हूं, मेरे खून के हर कतरे में बीजेपी बसी है. मैं पार्टी छोड़कर नहीं जा सकता. लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि जो फैसला पार्टी के हित में नहीं होता उसके लिए मैं जरूर कहता हूं. पार्टी मेरी मां है और उसके खिलाफ कोई गलत फैसला होगा, तो मैं उसका विरोध करूंगा. मैं अपनी बातचीत लिटरेचर के सामने रखूंगा और रखी भी है.
'पार्टी विरोधी लोगों के पास किया सर्वे': क्या मनोहर लाल से गलती हुई है, या फिर जिन लोगों ने टिकट फाइनल किया उस स्तर पर कोई चूक हुई है? मनोहर लाल जी विधानसभा टिकट वितरण को देख रहे थे. उन्होंने लोगों को भिजवाकर लास्ट में जिन लोगों से सर्वे करवाया, मुझे पता है. उन्होंने सर्वे कहां किया, उन्होंने वहां पर सर्वे किया जहां मेरे खिलाफ चलने वाले लोग थे. किसी भी पार्टी के 10 साल कार्यकाल में एंटी कैंबेंसी होती है. वे लोग वहां गए जहां पार्टी विरोधी लोग थे. उनके सर्वे के आधार पर अचानक मेरी टिकट कट गई. दूसरा उम्मीदवार आ गया. हो सकता है मनोहर लाल से गलती हुई हो. कोई बात नहीं इंसान गलती का पुतला है. मैं यूं नहीं कहता कि मनोहर लाल ने जानबूझकर मेरी टिकट कटवाई. कहीं न कहीं से उनके पास रिपोर्ट आई होगी. उसके आधार पर उन्होंने इस तरह का फैंसला लिया होगा.
'पार्टी के लिए करता रहूंगी काम': पार्टी के कई नेता नाराजगी में पार्टी छोड़ रहे हैं, या कपूर वाल्मीकि का प्रचार करेंगे? या आपको उम्मीद है पार्टी आपको कहीं और से टिकट देगी ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि मैं पार्टी नहीं छोडूंगा. मैं पार्टी का भगत हूं, सच्चा सिपाही हूं कार्यकर्ता हूं, मेरे खून में बीजेपी बसी है, मैं पार्टी नहीं छोड़ सकता. वहीं मैं कपूर की बात नहीं करता मैं कमल के फूल की बात करता हूं.