जयपुर: आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग राजस्थान एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग की से गुरुवार को जयपुर के राजावास गांव में केमिकल (इंडस्ट्रियल) डिजास्टर की राज्य स्तरीय मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, गेल इंडिया लिमिटेड, होम गार्ड, सीआईएसएफ, जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी, स्काउट गाइड, रैपिड एक्शन फोर्स, एनजीओ, स्थानीय नागरिक आदि इस मॉक एक्सरसाइज का हिस्सा बने.
मॉक ड्रिल की शुरुआत गेल इंडिया के राजावास गांव में जामनगर लोनी एलपीजी पाइपलाइन में लीकेज की सूचना से हुई. लीकेज से हुए गैस रिसाव की जानकारी स्थानीय नागरिकों से मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत सक्रिय हुआ और गेल इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों को लीकेज की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही सबसे पहले नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम ने मोर्चा संभाला और राहत कार्य शुरू किया. उसके बाद संबंधित टीमों ने मौके पर पहुंच कर रेड जोन, येलो जोन और ग्रीन जोन बनाकर लीकेज को दुरुस्त करने की कार्रवाई की. साथ ही लीकेज गैस से प्रभावित नागरिकों को आवश्यक स्वास्थ्य सहायता भी उपलब्ध कराई गई.
पढ़ें:बांदीकुई में पटरी से उतरे बरेली एक्सप्रेस के दो डिब्बे, मचा हड़कंप, मॉकड्रिल की जानकारी के बाद ली राहत की सांस - Train Accident Mock Drill in Dausa
इस दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सीनियर कंसलटेंट ब्रिगेडियर रवीन्द्र गुरंग (रि.) ने कहा कि बढ़ते औद्योगिकीकरण के साथ हमें विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभ्यासों का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के सरकारी व गैर सरकारी तंत्रों के मध्य समन्वय स्थापित करना है. सामान्यतः केमिकल डिजास्टर जैसी घटनाएं मानवीय त्रुटि के कारण हो जाती हैं. इसलिए सभी उद्योगों को आपदा प्रबंधन योजना एवं टीम बनानी चाहिए.
पढ़ें:कोटा से उदयपुर जाते समय ट्रेन हादसा: पुलिस-प्रशासन, रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा - Train Accident Mock Drill in Bundi
उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश गैस, पेट्रोलियम, केमिकल, खनिज आदि सम्पदा से परिपूर्ण है, लेकिन यहां जलवायु, हीटवेव, बाढ़, वज्रपात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण केमिकल डिजास्टर का खतरा बना रहता है. इसलिए इन आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली, ड्रोन जैसी तकनीकों को विकसित करने के साथ विद्यालयों, अस्पतालों में भी जागरूकता पर कार्य करने की आवश्यकता है. जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि इस प्रकार के अभ्यास समय-समय पर किए जाने चाहिए. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाने को भी कहा. नागरिक सुरक्षा विभाग के उप नियंत्रक अमित शर्मा ने बताया कि इस पूरी मॉकड्रिल के दौरान इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का इस्तेमाल किया गया.
पढ़ें:स्कूल में घुसे 'आतंकवादी', बम धमाकों की आवाज से सहमे शहरवासी, यहां जानिए पूरा मामला - Mock Drill in Dausa School
उल्लेखनीय है कि जयपुर में गेल इंडिया लिमिटेड राजावास के साथ बाड़मेर में वेदांता लिमिटेड, अलवर में लॉर्ड्स क्लोरो अल्कली लिमिटेड (मत्स्य इंडस्ट्रियल एरिया) और जोधपुर में उमा पोलिमर्स में यह मॉक एक्सरसाइज आयोजित की गई. मॉकड्रिल के दौरान जिला परिषद सीईओ प्रतिभा वर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (दक्षिण) देवेंद्र कुमार जैन, सहित जिला प्रशासन और संबंधित केंद्र व प्रदेश एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित रहे.