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कक्षा तीन से 12वीं तक के पाठ्यक्रम का खाका तैयार, सरकार लगाएगी अंतिम मुहर - UTTARAKHAND EDUCATION DEPARTMENT

प्रदेश में सरकारी विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम की निर्धारण प्रक्रिया जारी. कक्षा तीन से 12वीं तक के लिए पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार.

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कक्षा तीन से 12वीं तक के पाठ्यक्रम का खाका तैयार (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 2, 2025, 5:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कक्षा 3 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को लेकर मंथन जारी है. फिलहाल इस पर लंबा होमवर्क करने के बाद राज्य स्तरीय कमेटी ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा को तय कर लिया है. इसे हरी झंडी भी दे दी गई है. हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार अभी राज्य सरकार से विभिन्न कक्षाओं के लिए तैयार पाठ्यक्रम को अंतिम सहमति मिलना बाकी है, इसके लिए जल्द ही पाठ्यक्रम के लिए तय की गई रूपरेखा को सरकार के सामने रखा जाएगा. इसके बाद इस पर सरकार को निर्णय लेना है.

राज्य स्तरीय कमेटी ने पाठ्यक्रम के रूप में कक्षा 3 से संस्कृत की पढ़ाई जारी रखने की सिफारिश की है. इसके अलावा विभिन्न कक्षाओं के लिए विषयों की संख्या पर भी विचार किया गया है. तमाम बिंदुओं पर विचार करने के बाद समिति ने यह निर्णय लिया है कि कक्षा तीन से कक्षा पांचवीं तक के लिए सात विषय अनिवार्य होंगे. इसके आगे कक्षा 6वीं से कक्षा आठवीं तक के लिए छात्र-छात्राओं को 9 विषय की पढ़ाई करनी होगी, जबकि कक्षा 9वीं और 10वीं में 10 विषयों को अनिवार्य रखा गया है. इस दौरान छात्र-छात्राओं को गणित विषय को अनिवार्य रूप से लेना होगा.

नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं. इसी के तहत विद्यालयी शिक्षा में भी छात्र-छात्राओं के बेहतर शैक्षणिक कार्यों को लेकर काम किया जा रहा है. विद्यालयों में विभिन्न कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम का चयन भी छात्रों के सर्वांगीण विकास को देखते हुए किया जा रहा है. राज्य सरकार अब समिति द्वारा लिए गए निर्णय पर अंतिम मुहर लगाएगी. इसके बाद राज्य में स्कूलों के लिए तय किए गए पाठ्यक्रम के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक कार्यों को करवाना अनिवार्य होगा.

इसमें मुख्य रूप से 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए गणित का विषय अनिवार्य किया गया है. यानी आप सभी छात्र-छात्राओं को गणित की पढ़ाई करना जिलेवार होगी. इसी तरह छोटी कक्षाओं में संस्कृत को भी महत्व दिया गया है. शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान की मौजूदगी वाली कमेटी ने इस पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया है. वैसे इसके लिए काफी समय से होमवर्क किया जा रहा था और तमाम बातों पर विचार करने के बाद छात्रों के लिए विषय तय किए गए हैं.

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