नेहा सिंह राठौर से ETV भारत की स्पेशल बातचीत. नई दिल्लीःअपने लोक गीतों के जरिए BJP पर लगातार सवाल उठा रहीं भोजपुरी की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का नाम अब राजनीतिक गलियारों में सुनाई देने लगा है. 'बिहार में का बा' के बाद उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार को घेरते हुए 'यूपी में का बा' गाकर सुर्खियां बंटोरी थी. उनके इस गीत को समाजवादी पार्टी के मुखिया अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था. इसके अलावा नेहा सिंह राठौर बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा, पहलवानों का समर्थन, किसान आंदोलन और विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई को लेकर भी गीत बनाकर निशाना साध चुकी हैं. खबर है कि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं. उन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली से बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस उतार सकती है. आइए, जानते हैं 'ETV भारत' से खास बातचीत में क्या बोलीं नेहा सिंह राठौर?
सवाल: सबसे पहला सवाल इस बारे में कितनी सच्चाई है कि आप चुनाव लड़ रही हैं?
जवाब:मीडिया चैनलों में खबरें तो चल रही हैं. मैंने कल X पर एक पोस्ट भी किया था. देखिए ख़बरों में बना रहना हर किसी को अच्छा लगता है. मुझे भी अच्छा लग रहा है. इस संबंध में कई फोन कॉल भी आ रहे हैं, लेकिन चुनाव कौन लड़ेगा? ये तो पार्टी के श्रेष्ठ नेता तय करते हैं. अब सोशल मीडिया पर लोग एक तरफ मेरी फोटो और दूसरी तरफ मनोज तिवारी की फोटो लगाकर कह रहे हैं कि आपको इनके सामने चुनाव लड़ना चाहिए. मुझे टैग करके पूछ रहे हैं. देखिए आगे क्या होता है?
सवाल : अगर कांग्रेस या कोई और पार्टी से टिकट नहीं मिलता है तो निर्दलीय लड़ेंगी? या किसी पार्टी ने आपको चुनाव प्रचार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है?
जवाब :निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए बहुत पैसों की जरूरत होती है. फिलहाल मेरे पति हिमांशु सिंह भी बेरोजगार हैं. आर्थिक स्थिति इतने भी अच्छी नहीं है कि निर्दलीय चुनाव लड़ा जाये. अभी ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है. और जहां तक चुनाव प्रचार में शामिल होने की बात है तो अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से ऐसा प्रस्ताव नहीं आया है.
सवाल: लोगों का कहना है कि चुनाव के समय ही क्यों मनोज तिवारी और अन्य भोजपुरी गायकों पर टिप्पणी कर रही हैं आप? आपको क्या लगता है?
जवाब : देखिए ऐसे बात बिल्कुल नहीं है कि मैं चुनाव के समय ही इस तरह की टिप्पणियां और अभद्र गानों को सोशल मीडिया पर वायरल कर रही हूं. जबकि, अब से तीन साल पहले जब मैंने 'ETV भारत' को ही को इंटरव्यू दिया था, तो उसमें भी मैंने भोजपुरी के अभद्र गानों को लेकर बात कही थी. और जहां तक बात आती है मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ जैसे भोजपुरी गायकों की तो यह वह लोग हैं जिन्होंने अपने गानों के माध्यम से बेटियों और महिलाओं का अपमान किया और आज वो संसद में बैठे हैं. मनोज तिवारी ने अपने अभद्र गानों के माध्यम से एक तरह की मुहिम को हवा दी थी कि बेटी को शहर पढ़ने नहीं भेजिएगा, नहीं तो उसको शहर की हवा लग जाएगी. अरे शहर की हवा तो बेटे को भी लग सकती है. तो अपने बेटे के लिए ऐसा क्यों नहीं लिखा.
सवाल : आपको मनोज तिवारी के गानों से इतनी नफरत क्यों है?
जवाब : मैं 'ETV भारत' के माध्यम से सभी को बताना चाहती हूं कि बिहार के जिस जिले से मनोज तिवारी आते हैं उसी भभुआं जिले की रहने वाली मैं भी हूँ. उनके अभद्र गानों के कारण मेरी मां ने मुझे शहर पढ़ने नहीं भेजा. इस बात पर कई बार मां से बहस भी हुई कि भैया भी तो दिल्ली में पढ़ रहे हैं. लेकिन उनका हर बार यही जवाब आता कि बेटियों को शहर पढ़ने के लिए नहीं भेजना है. इसका सारा श्रेय मनोज तिवारी जी के गानों को जाता है. कल ही एक मेरी सहेली का फोन आया, उनको भी उसके परिवार वाले गांव से बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं. आप खुद एक महिला हैं समझ सकती हैं कि अभद्र और महिला विरोधी गानों का इतना गलत प्रभाव पड़ता है समाज की सोच पर. समाज में ऐसी सोच बुनने का जिम्मेदार मैं केवल मनोज तिवारी को ही नहीं मानती. बल्कि बीजेपी भी उतनी ही जिम्मेदार है. क्योंकि ऐसे अभद्र गाने वाले लोगों को आप टिकट दे रहे हैं, चुनाव लड़वा रहे हैं. तब मुझ जैसी भोजपुरी लोक गीतकार को सवाल पूछने का अधिकार और अपनी बात रखने का अधिकार तो हैं न.
सवाल : सोशल मीडिया पर आपने जो मनोज तिवारी के गानों का वीडियो डाला है, उस पर कई तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं. उनको आप कैसे देखती हैं?
जवाब: देखिए उसमें कई तरह की टिप्पणियां आ रही हैं. और वह उनके द्वारा की जा रही हैं जिन्होंने अपने नाम के बाद 'मोदी जी का परिवार' लिखा है. ये लोग मेरे बारे में भद्दी टिप्पणियां कर रहे हैं. किसी ने लिखा है यह वेश्या है या पोर्न स्टार है. और न जाने किसका किसका नाम मेरे नाम के साथ जोड़ा जा रहा है. मैं उनसे यहां पूछना चाहती हूं कि एक ओर आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं और दूसरी तरफ मेरे लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं तो क्या मैं देश कि बेटी नहीं हूं. मुझे लगता है कि देश में बेटियों को इन जैसे लोगों से बचने की जरूरत है.
सवाल : आप एक लोक गायिका हैं अचानक राजनीतिक गलियों में नाम आने की क्या वजह लगती है आपको?
जवाब : देखिए मैं लोक गायिका जरूर हूं, लेकिन जो राजनीतिक मुद्दे हैं मैंने कभी उनसे दूरी नहीं बनाई है. चाहे वह बेरोज़गारी की बात हो, या महिला सुरक्षा और सम्मान की बात हो. इन सभी मुद्दों को मैंने अपने गीतों में प्रमुखता से लिखा है. आपको मेरे गीतों में अभद्रता और गंदगी नहीं मिलेगी, बल्कि बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, किसान, मज़दूर, शिक्षा, मौलिक अधिकार और महिलाओं के गीत गाती हूं. राजनीति के गलियारों में मेरा नाम आ रहा है तो मुझे अच्छा लग रहा है.
सवाल : अगर आपको चुनाव लड़ने का मौका मिला तो किन सामाजिक मुद्दों को उठाएंगी?
जवाब :देखिए मेरा मुद्दा और कांसेप्ट शुरू से ही साफ रहा है. मैं बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, किसान, मज़दूर, शिक्षा, मौलिक अधिकार और महिलाओं के गीत गाती हूं, तो जो मेरे गीत के मुद्दे हैं वहीं मेरे चुनावी मुद्दे रहेंगे.
सवाल : 'बिहार में का बा' और 'यूपी में का बा' आपका गाना बेहद चर्चा में रहा. अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ नया गीत लिख रही हैं क्या?
जवाब:जी, कुछ गानों को मैंने अपने X अकाउंट पर डाला है. वहीं एक और गीत '2024 में का बा' को भी बहुत जल्द रिलीज करने जा रही हूं. इसके अलावा मैं आपको फागुन और 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़े कुछ गीत सुना देती हूं.