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देहरादून में स्पर्श हिमालय महोत्सव, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की शिरकत, सीएम धामी भी रहे मौजूद

देहरादून के थानों क्षेत्र में स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 40 से अधिक देशों के साहित्यकार शामिल हो रहे हैं.

SPARSH HIMALAYA FESTIVAL 2024
स्पर्श हिमालय महोत्सव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की शिरकत (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 25, 2024, 5:51 PM IST

Updated : Oct 27, 2024, 8:38 PM IST

देहरादून: डोईवाला विधानसभा अंतर्गत आने वाले थानों क्षेत्र के लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया. इसके अलावा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेख पोखरियाल निशंक, राज्यपाल गुरमीत सिंह, प्रसिद्ध संत स्वामी अवधेशानंद और गीतकार प्रशून जोशी मुख्य रूप से मौजूद रहे.

कार्यक्रम में65 से अधिक देशों के साहित्यकार शामिल:स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 में 65 से अधिक देशों के साहित्यकार शामिल हो रहे हैं. कार्यक्रम में साहित्य, कला और संस्कृति का अनोखा नजरा देखने को मिलेगा. यह कार्यक्रम विभिन्न पर्यावरणीय और कला शोध में अपनी अहम भूमिका निभाएगा. वहीं, कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भव्य स्वागत किया.

राज्य के कलाकारों को मिलेगा अनोखा मंच:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये 3 दिवसीय महोत्सव हमारे राज्य के कलाकारों और साहित्यकारों को एक अनोखा मंच प्रदान करेगा, जहां वो दुनिया भर के साहित्यकारों और कलाकारों के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके समृद्ध अनुभवों से सभी को लाभ मिलेगा. यह हिमालय स्पर्श महोत्सव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक विरासत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

उत्तराखंड की धरती पर ऋषियों ने की तपस्या:सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती पर ऋषियों ने कठोर तपस्या कर इसे ज्ञान का केंद्र बिंदु बनाया है. हमारी सरकार प्रदेश में साहित्य और साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए समय-समय पर साहित्यिक उत्सव, पुस्तक मेला, और लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी साहित्य की समृद्ध परंपरा को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है.

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Last Updated : Oct 27, 2024, 8:38 PM IST

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