सोनीपत: किसान आंदोलन-2 की घोषणा के साथ किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद बंद किए गए औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को आखिरकार 21 दिन बाद खोल दिया गया. बॉर्डर खुलने से खरखौदा और आसपास के क्षेत्रों के साथ ही अन्य वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है. मार्ग से बैरिकेड हटाने के बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया है.
औचंदी बॉर्डर खुलने से पहले कुंडली बॉर्डर पर 26 फरवरी को राहत दी गई थी. हालांकि कुंडली बॉर्डर के मुख्य फ्लाईओवर अभी भी बंद हैं. पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन खोलने से लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है. किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद पंजाब के किसान 13 फरवरी को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर आ डटे थे. वहां से दिल्ली कूच के प्रयास में किसानों का सुरक्षा बलों के साथ टकराव भी हुआ. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर के साथ ही औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया था.
वाहन चालकों की परेशानी और किसान-सरकार के बीच सुलह की उम्मीद के चलते कुंडली बॉर्डर को आंशिक रुप से खोल दिया गया था. 26 फरवरी को दिल्ली-पानीपत मार्ग की दोनों और पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन को खोला गया था. कई दिनों से वाहन चालक लगातार यह मांग कर रहे थे कि किसान आंदोलन शांत हो गया है तो बॉर्डर को पूरी तरह से खोल दिया जाए, लेकिन किसानों ने एक बार फिर 6 मार्च को दिल्ली कूच का एलान कर दिया था. हालांकि इससे प्रदेश के साथ ही पंजाब के किसानों को दूर रहने को कहा गया था.