जयपुर: व्यापार में घाटा लगा तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपहरण कर फिरौती वसूलने के लिए अपने परिचितों के साथ गैंग बना ली. जयपुर के नाहरगढ़ से इस गैंग ने एक युवक का अपहरण कर लिया और परिजनों को कॉल कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी. फिरौती की रकम लेकर चंडीगढ़ आने को कहा. बाद में हिमाचल में फिरौती की रकम चलती ट्रेन से फेंकने को कहा. वेब सीरीज से मिलती-जुलती इस वारदात का जयपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए अपहृत युवक को सकुशल छुड़ा लिया है. वारदात को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों सहित एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बदमाशों का एक साथी अभी फरार है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि प्रतापनगर में रहने वाला अनुज अपने दोस्त सोनी सिंह के साथ नाहरगढ़ घूमने गया था. जहां बदमाशों ने दोनों को पकड़ लिया. उन्होंने मारपीट की और दोनों के हाथ-पैर बांध दिए. वे अनुज को अपने साथ ले गए और सोनी सिंह को वहीं पटक गए. इस मामले में पुलिस ने अपहृत युवक अनुज को सकुशल छुड़वा लिया. जबकि वारदात के मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह, उसके साथी विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार को गिरफ्तार किया गया है. वीरेंद्र सिंह डीग का रहने वाला है. वह हिमाचल प्रदेश के सोलन में किराए के मकान में रह रहा था. विनोद और अमित भी डीग के रहने वाले हैं. जबकि जमुना सरकार वीरेंद्र के साथ सोलन में लिव इन में रह रही थी. पुलिस ने जिस दिन अपहृत युवक को छुड़ाया. उसी दिन उसका जन्मदिन भी था.
नींद की गोलियां, टेप और रस्सी साथ लेकर आए: पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि मुख्य सरगना सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. व्यापार में हुए घाटे को पूरा करने के लिए उसने अपने परिचितों के साथ अपहरण और फिरौती वसूलने की साजिश रची. वीरेंद्र, अमित, विनोद और जितेंद्र 18 अगस्त को जयपुर में जलमहल के पास पहुंचे. वहां से नाहरगढ़ की पहाड़ियों में सुनसान जगह उन्होंने अनुज और सोनी को बंधक बना लिया. वे अपने साथ नींद की गोलियां, पानी की बोतल, टेप, रस्सियां और धारदार हथियार साथ लेकर आए. उनके पास वॉकी-टॉकी भी थे.