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रहें सावधान! लोहरदगा में बढ़े सर्पदंश के मामले, जुलाई में प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे स्नेक बाइट के मरीज - Snakebite Cases In Lohardaga

Snakebite in Lohardaga.लोहरदगा जिला जंगल और पहाड़ी से घिरा हुआ जिला है. यहां कई खतरनाक जहरीले सांप पाए जाते हैं और सर्पदंश से हर साल कई लोगों की जान चली जाती है. साल 2024 में भी सर्पदंश के मामले बढ़े हैं.

Snakebite Cases In Lohardaga
लोहरदगा में सर्पदंश का मरीज अस्पताल में इलाजरत. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 7, 2024, 6:41 PM IST

लोहरदगा: जिले में सर्पदंश के मामले में अचानक बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2024 में अब तक सर्पदंश से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पिछले माह जून में सर्पदंश के 38 मामले सामने आए थे. जुलाई में भी लगभग हर दिन सर्पदंश के मामले आ रहे हैं. इस कारण लोग सहमे हुए हैं.

लोहरदगा में सर्पदंश के मामले में बढ़ोतरी पर रिपोर्ट और जानकारी देते सिविल सर्जन डॉक्टर राजमोहन खलखो. (वीडियो-ईटीवी भारत)

झाड़-फूंक के चक्कर में भी जाती है लोगों की जान

जून के महीने से सर्पदंश के मामलों में बढ़ोतरी का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अब भी जारी है. हर दिन लोहरदगा सदर अस्पताल में दो से तीन सर्पदंश के मामले पहुंच रहे हैं.ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि सांप के डसने के बाद लोग इलाज कराने की बजाय अंधविश्वास के चक्कर में झाड़-फूंक कराते हैं. जिसकी वजह से लोगों की मौत हो जाती है. वहीं कई बार सांप के काटने के बाद लोग डर के कारण अटैक से मर जाते हैं.

कोबरा और करैत के काटने के मामले अधिक

लोहरदगा में विशेष रूप से दो खतरनाक जहरीले सांप पाए जाते हैं. जिसमें कोबरा और करैत शामिल है. साल 2024 में कोबरा और करैत के काटने के कई मामले सामने आए हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल बरसात में ही नहीं, बल्कि गर्मी के मौसम में भी सर्पदंश के मामले काफी अधिक सामने आए थे. ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से धरती गर्म होने लगी और सांप बाहर आने लगे थे. जिसकी वजह से सर्पदंश के मामले बढ़ गए थे.

अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम है उपलब्ध

राहत वाली बात यह है कि लोहरदगा सदर अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है. गंभीर विषय यह है कि ज्यादातर लोग सांप काटने के बाद इलाज कराने की बजाय झाड़-फूंक पर ज्यादा ध्यान देते हैं. जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हर साल हो जाती है.

सिविल सर्जन ने की झाड़-फूंक नहीं कराने की अपील

इस संबंध में लोहरदगा सिविल सर्जन डॉक्टर राजमोहन खलखो का कहना है कि लोगों को इलाज करने पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए. झाड़-फूंक कराना बेहद खतरनाक है.

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