लखनऊ :युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहा है. प्रदेश में नौ सौ से ज्यादा प्रशिक्षण सहयोगी साढ़े आठ हजार से ज्यादा केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं. मिशन ने अब तक 10 लाख से ज्यादा युवाओं का पंजीकरण किया है और साढ़े छह लाख से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. हमने मिशन के कार्यों और योजनाओं के विषय में विस्तार से बात की कौशल विकास मिशन के निदेशक रमेश रंजन से. देखिए पूरी बातचीत...
प्रश्न : इस वित्तीय वर्ष में कौशल विकास मिशन द्वारा कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया और कितने लोगों को रोजगार दिला पाए हैं आप?
उत्तर : उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के माध्यम से हम लोगों का मेन काम रहा है. 2023-24 में लगभग तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिलाने से लेकर नौकरी तक दिलाने का काम हम लोगों ने किया है. जनवरी में हम लोगों ने वृहद रोजगार मेला हर एक ब्लॉक स्तर पर लगवाया. इसमें लगभग 60 हजार युवाओं को पिछले 20 दिन में रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरियां दिलाने का काम किया गया है. इन रोजगार मेलों में बड़ी-बड़ी कंपनियां सहभागिता कर रही हैं. यह रोजगार मेले फरवरी में भी जारी रहेंगे. हमारा उद्देश्य है कि जिन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उन्हें नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकें.
प्रश्न : चूंकि यह मेले ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं तो निश्चित रूप से दूर-दराज के गांवों के युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिल रहे होंगे. आपके साथ कौन सी बड़ी कंपनियां सहभागिता कर रही हैं?
उत्तर : इस बार रोजगार मेलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा गया है. सब लोगों से अनुरोध किया गया है और सभी का सहयोग भी मिल रहा है. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है. हर रोजगार मेले में 800 से लगाकर 1000 तक युवा प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें दो-ढाई सौ युवाओं को नौकरी भी मिल रही है. इनमें कुछ बड़ी कंपनियां, एनजीओ और अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शामिल हैं. हर मेले में 35 से 40 कंपनियां अपनी सहभागिता करती हैं.
प्रश्न : वह कौन-कौन से ट्रेड हैं, जिनके तहत मिशन युवाओं को प्रशिक्षण दिलाता है?
उत्तर : देखिए हमारी सरकार का लक्ष्य एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का है. ऐसे में दोनों तरह की ट्रेड चलती हैं. इन में कुछ पारंपरिक ट्रेड हैं, जैसे आईटीआईटीएस, अपेरेल, ब्यूटी एंड वेलनेस है और लॉजिस्टिक का है. इसके साथ ही नई टेक्नोलॉजी में भी प्रशिक्षण दिलाए जा रहे हैं. इनमें आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस का क्षेत्र हो, ड्रोन ऑपरेटर्स का प्रशिक्षण है,सुरक्षा का क्षेत्र, साइबर सिक्योरिटी आदि के भविष्य की जरूरतों वाले क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ऐसे क्षेत्र भी जिनमें संभावनाएं अधिक हैं. हम उन क्षेत्रों में भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जैसे कृषि क्षेत्र में नौकरियां भले ही कम हों, लेकिन स्वरोजगार बहुत है. इसलिए हम आधुनिक कृषि क्षेत्र में भी प्रशिक्षण दिलाने का काम कर रहे हैं.
प्रश्न : अभी तक मिशन असिस्मेंट का काम दूसरी संस्थाओं से कराता था. अब यह दायित्व भी आप लोगों को ही मिल गया है. इस विषय में हमें बताइए.
उत्तर : एनसीवीटी के माध्यम से जो डुअल अवार्डिंग बॉडी का काम था. इसकी मान्यता अब उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को भी मिल गई है. इससे हमें अब दो फायदे होने वाले हैं. एक तो ऐसे कोर्स जो अब तक हम नहीं चला पा रहे थे. अब एनसीवीटी से अप्रूव कराने के बाद हम चला सकते हैं. दूसरा असिस्मेंट में जो विलंब हो रहा था, हम उसे भी ठीक करा लेंगे. इससे समय बचेगा. आने वाले समय में हम दूसरी एजेंसी के माध्यम से अन्य राज्यों में भी असिस्मेंट कर सकते हैं. यह एक सकारात्मक बदलाव हुआ है कौशल विकास मिशन, उप्र के लिए.