नैनीताल:सरोवर नगरी नैनीताल की प्रसिद्धनैनी झील की पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग ने 6 हजार सिल्वर कार्प और गोल्डन महाशीर मछली के बीज डाले. जो जलीय पारिस्थितिकी में सुधार लाने का काम करेंगी. साथ ही पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेंगी. अभी नैनी झील में करीब 60 फीसदी कॉमन कार्प और बिग हेड मछलियां हैं, जो नैनी झील के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर रही हैं.
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मत्स्य विभाग के विशेषज्ञ और कर्मचारियों की टीम नैनीताल पहुंची. जहां टीम ने प्राधिकरण कर्मियों के साथ मिलकर तल्लीताल फांसी गदेरा, तल्लीताल बोट स्टैंड, मल्लीताल क्षेत्र से झील में 1 हजार सिल्वर कार्प और 5 हजार गोल्डन महाशीर मछली छोड़ी. इस दौरान पंतनगर कृषि विवि प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि साल 2007 में झील की जलीय पारिस्थितिकी का स्तर बेहद गिर गया था. जिस कारण झील में मछलियां भी मरने लगी थी.
ये भी पढ़ेंःसुधार की जगह नैनी झील की सेहत बिगाड़ गई कॉमन कार्प मछलियां, अब शुरू हुआ निकालने का काम