सिरसा:हरियाणा के सिरसा में अभी धान की कटाई जारी है. सरकरा और विभाग द्वारा पराली के अवशेषों को आग नहीं लगाने के प्रयास रंग लाए हैं. यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार 50 फीसदी आगजनी के मामलों में कमी आई है. पराली जलाने के आंकड़े कम होने से जहां सिरसा में वायु प्रदूषण से राहत है, वहीं कृषि विभाग जिला प्रशासन के अधिकारी भी सुकून महसूस कर रहे हैं. हालांकि अभी धान का पिक सीजन आने को है. जिसको लेकर कृषि विभाग और जिला प्रशासन कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है. बल्कि किसानों को और भी जोश से जागरूक किया जा रहा है.
सिरसा में धान की बिजाई: कृषि उपनिदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने आग नहीं जलाने वाले किसानों का आभार भी व्यक्त किया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि जिले में 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है. पराली प्रबंधन को लेकर सरकार और विभाग की कोशिश रंग लाई है. बीते साल की तुलना में इस बार 50 फीसदी आगजनी के मामलों में कमी आई है. उन्होंने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार विभाग द्वारा जागरुकता अभियान चलाए गए थे. जिसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है.
'किसानों को किया जागरूक': उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने अपने फसलों के अवशेषों को आग नहीं लगाई है. उनका वह धन्यवाद करते हैं और वह किसान अन्य किसानों को भी जागरूक करें. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पराली नहीं जलाई और सरकार के निर्देश पर पराली प्रबंधन किया है, सरकार की ओर से उसे प्रोत्साहित राशि से सम्मानित भी किया जाएगा. सुखदेव सिंह कंबोज ने सिरसा जिला के सभी किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की है. जमीन में पराली रखने पर किसानों के एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.